डीएम का एक्शन: श्रीनगर-फरासू में 5 घंटे जाम, NH अभियंता पर मुकदमा दर्ज

देहरादून:

चारधाम यात्रा मार्ग पर लापरवाही और कुप्रबंधन एक बार फिर उजागर हो गया। गुरुवार को श्रीनगर-फरासू क्षेत्र में बद्रीनाथ-ऋषिकेश राष्ट्रीय राजमार्ग का बड़ा हिस्सा अलकनंदा नदी में धंस गया। नतीजा यह हुआ कि हाईवे पर यातायात 05 घंटे तक पूरी तरह ठप रहा और हजारों यात्रियों को घंटों सड़क पर फंसे रहना पड़ा। जिलाधिकारी स्वाति भदौरिया ने मामले को गंभीरता से लेते हुए एनएच लोनिवि खंड श्रीनगर के अधिशासी अभियंता के खिलाफ मुकदमा दर्ज करा दिया है।

लापरवाही का नतीजा: यात्रियों को भुगतना पड़ा खामियाजा
गुरुवार सुबह करीब 10 बजे से दोपहर 3:30 बजे तक हाइवे पूरी तरह बंद रहा। इस दौरान चमोली और रुद्रप्रयाग से ऋषिकेश-देहरादून की ओर जाने वाले वाहन वहीं जाम में फंसे रहे। दूसरी ओर, श्रीनगर से ऊपर की ओर जाने वाले यात्रियों को भी घंटों इंतजार करना पड़ा। यह सब उस वक्त हुआ जब चारधाम यात्रा के दौरान इस मार्ग की अहमियत किसी से छिपी नहीं है।

पहले से खतरे के संकेत, फिर भी नहीं हुई कार्रवाई
स्थानीय लोगों का आरोप है कि फरासू क्षेत्र का 100 मीटर से अधिक हिस्सा पिछले साल ही अलकनंदा नदी में समा चुका था। इसके बावजूद विभाग ने ठोस इंतज़ाम नहीं किए। यात्रा शुरू होने से पहले एनएच लोनिवि ने सिर्फ पहाड़ी काटकर मार्ग चौड़ा करने का काम दिखावाभर किया। बारिश और नदी के तेज़ बहाव के बीच भू कटाव और भूस्खलन की घटनाएं लगातार बढ़ती गईं, लेकिन विभाग सोता रहा।

जेसीबी से खोला रास्ता, खतरा अब भी बरकरार
गुरुवार को आनन-फानन में एनएच लोनिवि ने जेसीबी और पोकलैंड मशीन से पहाड़ी काटकर मार्ग को खोला। हालांकि यह समाधान अस्थायी ही साबित हो सकता है, क्योंकि अलकनंदा की ओर से लगातार हो रहे कटाव का खतरा अभी भी बना हुआ है।

जिलाधिकारी की सख्ती, आपदा प्रबंधन अधिनियम में हुआ मुकदमा
मार्ग बाधित होने की सूचना पर जिलाधिकारी पौड़ी स्वाति एस भदौरिया ने कड़ा रुख अपनाया। उन्होंने उपजिलाधिकारी को विधिक कार्रवाई करने के निर्देश दिए। इसके बाद पटवारी की तहरीर पर कोतवाली श्रीनगर में एनएच लोनिवि के अधिशासी अभियंता पर आपदा अधिनियम की धारा 65 और बीएनएस की धारा 223 के तहत मुकदमा दर्ज किया गया। सीओ श्रीनगर अनुज कुमार ने इसकी पुष्टि की है।

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