उत्तराखंड में मानवाधिकार हनन की आयोग को मिली 10736 शिकायतें

देहरादून –  उत्तराखंड के मानवाधिकार आयोग को राज्य मानवाधिकार आयोेग के 2012 में गठन से लेकर 31 मार्च 2019 तक 7 वर्षोें की अवधि में कुल 10736 शिकायतें मिली हैै जिसमें से 9686 शिकायतों का निपटारा आयोग द्वारा किया जा चुका है जबकि 1050 शिकायतें 31 मार्च 2019 को आयोग में लम्बित थी। इन शिकायतों में सर्वाधिक 3291 शिकायतें देहरादून जिले तथा दूसरे स्थान पर 3262 शिकायतें उधमसिंह नगर जिले से प्राप्त हुई। जबकि 1819 शिकायतें हरिद्वार जिले से प्राप्त हुई हैै। उक्त खुुलासा उत्तराखंड सूचना आयोेग के आदेश के बाद शासन द्वारा मानवाधिकार आयोग की रिपोर्ट विधानसभा के समक्ष रखने के उपरान्त उसकी सूचना अधिकार कार्यकर्ता नदीम उद्दीन को उपलब्ध करायी गयी प्रतियों में दिये गये आंकड़ों से हुआ है।काशीपुर निवासी सूचना अधिकार कार्यकर्ता नदीम उद्दीन ने अपने सूचना प्रार्थना पत्र से उत्तराखंड मानव अधिकार आयोेग की सरकार को प्रस्तुत वार्षिक/विशेष रिपोर्टों, इस पर कार्यवाही तथा उन्हें विधानसभा के समक्ष रखने सम्बन्धी सूचनायें मांगी थी। इसके उत्तर में पहले तो लोक सूचना अधिकारी ने अतिरिक्त शुल्क रू. 260 की मांग की लेकिन जब इस शुल्क का भुगतान प्रेषित कर दिया गया तो आयोग की वार्षिक रिपोर्ट/विशेष रिपोर्ट के सुरक्षा एवं गोपनीयता के दृष्टिगत दिया जाना संभव नहीं है लिखते हुुये उपलब्ध कराने से इंकार कर दिया। इस पर नदीम ने उत्तराखंड सूचना आयोग को द्वितीय अपील की। उत्तराखंड सूचना आयोग के सूचना आयुक्त विपिन चन्द्र की पीठ द्वारा गृह विभाग के अधिकारियों को विभागीय कार्यवाही व क्षतिपूर्ति दिलाने का नोटिस देने के बाद साढ़े तीन साल से सरकार के पास दबी मानवाधिकार आयोग की रिपोर्ट मात्र 2 माह में कार्यवाही पूर्ण करके विधानसभा के समक्ष रखी गयी और उसकी प्रतियां नदीम को भी उपलब्ध करायी गयी।

विभिन्न बार सूचना मांगने पर उत्तराखंड मानवाधिकार आयोग ने 2012 से 2018 तक 7 वर्षों की अलग-अलग रिपोर्ट के स्थान पर एक रिपोर्ट सरकार को 20 दिसम्बर 2018 को उत्तराखंड शासन के गृह विभाग को उपलब्ध करा दी लेकिन उसके द्वारा इसे विधानसभा के समक्ष रखने की कार्यवाही उत्तराखंड सूचना आयोग के आदेश पर ही की। आखिकार 2012-2018 व 2018-19 की वार्षिक रिपोर्ट विधानसभा के जून 2022 के सत्र में पटल पर रख दी गयी। गृह विभाग के अधिकारियों ने 40 माह में जो कार्यवाही नहीं की थी, वह उत्तराखंड सूचना आयोग के विभागीय कार्यवाही के नोटिस के बाद मात्र दो माह में ही पूर्ण कर ली। सूचना आयोग ने गृह विभाग के अधिकारियों की कार्यशैली सुधार के लिये चेतावनी जारी करने के आदेश भी किये हैं। नदीम को उपलब्ध वर्ष 2018-19 की रिपोर्ट के आंकड़ोें के अनुसार उत्तराखंड मानवाधिकार आयोग को वर्ष 2012-13 से 2018-19 तक कुल प्राप्त 10736 शिकायतों में 2012 में 39, वर्ष 2013 में 877, वर्ष 2014 में 1095, वर्ष 2015 में 1680, वर्ष 2016 में 2116, वर्ष 2017 में 2240, वर्ष 2018 में 2201, वर्ष 2019 में 31 मार्च तक 487 शिकायतें प्राप्त हुई हैै।आयोग को जिलावार प्राप्त शिकायतों में 2012 से मार्च 2019 तक की अवधि में अल्मोड़ा जिले से 137, बागेश्वर जिले से 54, चमोली से 134, चम्पावत से 200, देहरादून जिले से सर्वाधिक 3291, हरिद्वार जिले से 1819 , नैैनीताल जिले से 932, पौैड़ी से 306, पिथौैरागढ़ जिले से 199, रूद्रप्रयाग जिसे से 58, टिहरी जिलेे से 234, उधमसिंह नगर जिले से 3262 तथा उत्तरकाशी जिले से 110 शिकायतें प्राप्त हुई है।

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