उत्तर प्रदेश : मीरजापुर विन्ध्याचल कोतवाली क्षेत्र अंतर्गत विन्ध्वासिनी धाम में रविवार उस समय अजीबोगरीब स्थिति उत्पन्न हो गई जब एक पंडा को पुलिस द्वारा जबरदस्त पिटाई कर दिया गया जिससे पंडा पुरोहितों में जबरदस्त आक्रोश हैं। वहीं पुलिस के कार्य शैली पर उठाये जा रहे है सवाल। प्राप्त जानकारी के अनुसार, रविवार को दिन मां विंध्यवासिनी देवी के दर्शन पूजन के लम्बी लाइन लगी जिसमें एक पंडा द्वारा बीच से ही अपने यजमानों को ले जाने के जगह बनाया जिस पर उक्त विवाद हुआ। वहीं पंडा का आरोप है कि पुलिस द्वारा अपने चहेते को बेहिचक दर्शन करने के लिए जाने दिया जा रहा था व वीकेंड लॉकडाउन में जमकर उड़ रही है धज्जियां लॉक डाउन एवं सोशल डिस्टेंसिंग की धज्जियां कराए जा रहे हैं। मंदिर में श्रद्धालुओं को दर्शन पूजन जिसके कारण पंडा एवं पुलिस में हो रही है भिड़ंत।
बताया जा रहा है कि कुछ प्रभावशाली पंडा जो पुलिस के ऊपर प्रभाव रखते हैं अपने श्रद्धालुओं को जबरदस्ती मंदिर में दर्शन करवाते हैं जिसको देखकर अन्य पंडा भी अपने श्रद्धालुओं को दर्शन करवाने के लिए ले जाते हैं जिसको पुलिस रोकने लगती है। पुलिस की इसी दोहरी नीति के वजह से वाद-विवाद एवं मारपीट घटना कारित हो जाती है।
रविवार को गंगा दशहरा होने के कारण विंध्याचल धाम में श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ी लेकिन वीकेंड लॉकडाउन होने की वजह से मंदिर पर दर्शन पूजन के लिए मनाही था पर कुछ दबंग पंडा जो पुलिस पर अपना प्रभाव जमाये है प्रभाव के बल पर श्रद्धालुओं को दर्शन करवाया। जिससे अन्य पंडा भी अपने श्रद्धालुओं को दर्शन करवाने हेतु मंदिर में ले जाने लगे जिसको लेकर पुलिस वालों ने एक पंडा जी की पिटाई कर दी। जिससे धाम में हंगामा मच गया मौके पर पुलिस बल इकट्ठा किया गया। पंडा पुरोहितों लोगों का आरोप है कि पुलिस वाले ही कुछ लोगों के दबाव में आकर श्रद्धालुओं को मंदिर में जाने दे रहे हैं यदि वह ऐसा ना करें, सब के साथ एक समान बर्ताव करें तो लड़ाई झगड़े का प्रश्न ही नहीं उठता लेकिन पुलिस की यह दोहरी नीति झगड़े को जन्म दे रही है। अगर वीकेंड लॉक डाउन का नियम बना है तो मंदिर में किसी को नहीं जाने दिया जाना चाहिए ।