शीतकाल के लिए बंद हुए द्वितीय केदार मध्‍यमहेश्‍वर के कपाट

उत्तराखंड : आज गुरुवार सुबह द्वितीय केदार मध्‍यमहेश्‍वर के कपाट शीतकाल के लिए बंद हो गए हैं। इस दौरान पौराणिक परंपराओं के अनुसार विधि-विधान से मंदिर में पूजा-अर्चना की गई। उसके बाद भक्तों ने भगवान मध्‍यमहेश्‍वर के दर्शन किए। पुजारी टी गंगाधर लिंग ने स्यंभूशिवलिंग का समाधि पूजा शुरू की और उसके बाद शिवलिंग को समाधि दी गयी।
ठीक सुबह सात बजे बाबा मध्‍यमहेश्‍वर के जयकारों के बीच द्वितीय केदार मध्‍यमहेश्‍वर के कपाट शीतकाल के लिए बंद कर दिए गए। इस अवसर पर देवस्थानम बोर्ड के अधिकारी-कर्मचारी, वेदपाठी-पुजारी गण स्थानीय लोग एवं सीमित संख्या में श्रद्धालु जन भी वहां मौजूद रहे। मद्महेश्वर धाम में मौसम सर्द है तथा बर्फ जमी हुई है।
द्वितीय केदार मध्‍यमहेश्‍वर मंदिर के कपाट बंद होने के बाद उत्सव डोली ने मंदिर की परिक्रमा की तथा प्रथम पड़ाव गौंडार गांव को प्रस्थान किया। कार्यक्रम के अनुसार, 20 नवंबर को मध्‍यमहेश्‍वर की उत्सव डोली द्वितीय पड़ाव रांसी, 21 नवंबर को तृतीय पड़ाव गिरिया तथा 22 नवंबर को अपने गद्दीस्थल ओंकारेश्वर मंदिर उखीमठ पहुचेंगे। इसी दिन परंपरागत रूप से मध्‍यमहेश्‍वर मेला आयोजित किया जाएगा।

इससे पहले बंद हुए अन्य धाम के कपाट
भारी बर्फबारी के बीच 16 नवंबर को भैया दूज के पर्व पर शीतकाल के लिए केदारनाथ और यमुनोत्री धाम के कपाट बंद कर दिए गए। अब छह महीने बाबा केदार के दर्शन शीतकालीन गद्दीस्थल ऊखीमठ स्थित ओंकारेश्वर मंदिर और यमुना के दर्शन उत्तरकाशी जिले के खरसाली में किए जा सकेंगे।
15 नवंबर को गंगोत्री धाम के कपाट बंद कर दिए गए थे। सोमवार को गंगा की उत्सव डोली अपने शीतकालीन प्रवास स्थल मुखवा में विराजमान हो गई है। आज 19 नवंबर को बदरीनाथ धाम के कपाट भी बंद कर दिए जाएंगे।

About The lifeline Today

View all posts by The lifeline Today →

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *