हरिद्वार : उत्तराखंड में कोरोना के बढ़ते प्रकोप का असर कुंभ में भी साफ नजर आ रहा है। एक तरफ जहां कोरोना के तेज फैलाव के बीच सरकार जहां कुंभ को तय अवधि (30 अप्रैल) तक कराने पर अडिग है, वहीं दूसरी ओर अखाड़ों ने कुंभ को समेटने की शुरुआत कर दी है। निरंजनी अखाड़े ने कुंभ मेला खत्म करने का निर्णय लिया है।
इसे लेकर निरंजनी अखाड़े के सचिव श्रीमहंत रविंद्र पुरी ने बताया कि हरिद्वार में कोरोना की स्थिति अच्छी नहीं है। संत कोरोना की चपेट में आ रहे हैं। मुख्य शाही स्नान संपन्न हो गया है। उसके बाद अखाड़ों में बड़ी संख्या में संत और भक्तों में कोरोना के लक्षण दिखाई दे रहे हैं। 27 अप्रैल के शाही स्नान पर चंद संत पैदल जाकर गंगा स्नान करेंगे। कोरोना के बढ़ते मामलों को देखते हुए हमारे अखाड़े ने 17 अप्रैल को कुम्भ समाप्त करने का निर्णय लिया है। उन्होंने कहा कि यह अखाड़ा परिषद का फैसला नहीं है यह हमारे अखाड़े का निजी फैसला है। बाकी अखाड़ों को भी ऐसे वक्त में कोविड से बचाव को देखते हुए सकारात्मक निर्णय लेने की जरूरत है। कोविड से बचाव पहली प्राथमिकता है।
उन्होंने कहा कि 27 अप्रैल के शाही स्नान को 40 से 50 पंथी स्नान करेंगे और स्नान करके वापस चले जाएंगे। यह घोषणा सिर्फ पंचायती अखाड़े की ओर से है। निरंजनी अखाड़े के बाद बाकी 5 सन्यासी अखाड़े भी अपने यंहा कुंभ समाप्ति की घोषणा कर सकते है। जबकि अभी 27 अप्रैल का शाही स्नान होना है। इस शाही स्नान में अब केवल 3 बैरागी, दो उदासीन और एक निर्मल अखाड़ा ही रह जाएगा।
बता दें की रोजाना कई साधु संत कोरोनावायरस से संक्रमित हो रहे हैं। यहां तक की अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरि भी कोरोना पॉजिटिव होकर अस्पताल में भर्ती हैं। ऐसे में संभावना जताई जा रही है कि निरंजनी अखाड़े के साथ-साथ अन्य अखाड़े भी इस तरह का का फैसला ले सकते हैं।
एक दिन में दो हजार से ज्यादा मामले
उत्तराखंड में गुरुवार को कोरोना संक्रमण के 2220 नए मामले सामने आए। इससे पहले प्रदेश में 19 सितंबर, 2020 को 2078 नए मरीज सामने आए थे। इसके अलावा गुरुवार को नौ अन्य मरीजों ने दम तोड़ दिया। जिसके साथ ही प्रदेश में मृतकों की संख्या बढ़कर 1802 हो गई है।
प्रदेश में सर्वाधिक 914 कोविड मरीज देहरादून में मिले जबकि हरिद्वार में 613, नैनीताल में 156, उधमसिंह नगर में 131, पौड़ी गढवाल में 105 नए मरीज सामने आए। प्रदेश में उपचाराधीन मामलों की संख्या 12484 है जबकि 99777 मरीज अब तक स्वस्थ हो चुके हैं।