नई दिल्ली – भारत ने गुरुवार को संयुक्त राष्ट्र महासभा (यूएनजीए) में पाकिस्तान के खिलाफ अपने ‘जवाब के अधिकार’ का इस्तेमाल किया और इस्लामाबाद को आतंकवादियों को सुरक्षित पनाहगाह मुहैया कराने वाले देश के रूप में इसके ट्रैक रिकॉर्ड को देखने की सलाह दी। संयुक्त राष्ट्र महासभा के ग्यारहवें आपातकालीन विशेष सत्र में भारतीय काउंसलर प्रतीक माथुर ने कहा कि पाकिस्तान को केवल खुद को और अपने पिछले कार्यों के रिकॉर्ड को एक देश के रूप में देखना है, जो आतंकवादियों को शरण देता है और सुरक्षित आश्रय प्रदान करता है और ऐसा वह बेखौफ होकर करता है। इसके लिए उसे दंडित भी नहीं किया जाता है।
उन्होंने पाकिस्तानी प्रतिनिधिमंडल को जवाब देने के अधिकार का उल्लेख करने की भी सलाह दी, जिसका उपयोग भारत ने अतीत में किया है। माथुर ने कहा कि मैं यह कहने के लिए इस मंच का इस्तेमाल कर रहा हूं कि भारत ने इस बार पाकिस्तान के शरारती उकसावे का जवाब नहीं देने का विकल्प चुना है। पाकिस्तान के प्रतिनिधि को हमारी सलाह है कि वे उन अधिकारों के रिकॉर्डों के संदर्भ को देखें, जो हमने अतीत में प्रयोग किए हैं।माथुर ने पाकिस्तान के अनावश्यक उकसावे को ‘अफसोसजनक’ बताते हुए कहा कि दो दिनों की गहन चर्चा के बाद संयुक्त राष्ट्र में मौजूद सभी सदस्य इस बात पर सहमत हुए हैं कि संघर्ष और कलह को हल करने के लिए शांति का मार्ग ही एकमात्र रास्ता हो सकता है।