दून में विरासत आर्ट एंड हेरिटेज फेस्टिवल 9 से 23 अक्टूबर तक होगा

देहरादून – उत्तराखंड के जाने-माने सांस्कृतिक कार्यक्रमों कि संस्था रीच द्वारा ’विरासत आर्ट एंड हेरिटेज फेस्टिवल 2022’ का आयोजन होने जा रहा है। यह आयोजन 09 अक्टूबर से 23 अक्टूबर 2022 तक डॉ. बी. आर. अंबेडकर स्टेडियम (कौलागढ़ रोड) देहरादून में होगा। रीच संस्था द्वारा आज होटल मधुबन, राजपुर रोड, देहरादून में एक प्रेस वार्ता का आयोजन किया गया, जिसमें संस्था के वरिष्ठ सदस्यों ने आयोजन के बारे में संपूर्ण जानकारी लोगो को दी। संस्था के सदस्यों ने कहा की विरासत 2022 में इस बार देहरादून वासियों को रंग-बिरंगे सांस्कृतिक कार्यक्रमों के साथ-साथ बहुत कुछ देखने को मिलेगा। कार्यक्रमों में मुख्य रूप से क्राफ्ट विलेज, फूड फेस्टिवल, क्लासिकल म्यूजिक एंड डांस, फोक म्यूजिक एंड डांस, कर्न्सट के साथ-साथ क्राफ्ट वर्क शॉप, विंटेज एंड क्लासिक कार एंड बाइक रैली एवं क्विज आदि प्रोग्राम होगा।यह फेस्टिवल ‘एफ्रो-एशिया की सबसे बड़ी धरोहर एवं लोकजीवन उत्सव’ के नाम से लोकप्रिय है। इस कार्यक्रम का उद्घाटन डॉ. बी. आर. अंबेडकर स्टेडियम में 09 अक्टूबर को शाम 6.00 बजे होगा। जिसके बाद आगंतुकों को उत्तराखण्ड की पारंपरिक नृत्य एवं संगीत प्रस्तुतियां देखने का मौका मिलेगा। अपनी 26वीं वर्षगांठ मनाने के लिए आयोजित विरासत फेस्टिवल में कई बेहतरीन कलाकारों की जबर्दस्त परफॉर्मेंस देखने को मिलेगी। इन कलाकारों में वडालीस, अश्विनी भिड़े, सुरेश वाडकर, प्रहलाद सिंह तिपानिया, ओस्मान मीर, कुमरेश, आदि जैसे सांस्कृतिक जगत के विभिन्न क्षेत्रों से ताल्लुक रखने वाले दिग्गज शामिल हैं। 15 दिनों तक चलने वाला यह फेस्टिवल लोगों के लिए एक ऐसा मंच है जहां वे शास्त्रीय संगीत एवं नृत्य के जाने-माने उस्तादों द्वारा कला, संस्कृति और संगीत का बेहद करीब से अनुभव कर सकते हैं।

इस फेस्टिवल में परफॉर्म करने के लिये नामचीन कलाकारों को आमंत्रित किया गया है। इस फेस्टिवल में एक क्राफ्ट्स विलेज, क्विज़ीन स्टॉल्स, एक आर्ट फेयर, फोक म्यूजिक, बॉलीवुड-स्टाइल परफॉर्मेंसेस, हेरिटेज वॉक्स, आदि होंगे। यह फेस्टिवल देश भर के लोगों को भारत की समृद्ध सांस्कृतिक धरोहर और उसके महत्व के बारे में ज्यादा से ज्यादा जानकारी प्राप्त करने का मौका देता है। फेस्टिवल का हर पहलू, जैसे कि आर्ट एक्जिबिशन, म्यूजिकल्स, फूड और हेरिटेज वॉक भारतीय धरोहर से जुड़े पारंपरिक मूल्यों को दर्शाता है।प्रेस वार्ता में रीच के संस्थापक एवं महासचिव आरके सिंह ने कहा, “कोविड-19 के कारण हमारे आस-पास की दुनिया काफी बदल गई है, लेकिन देश-दुनिया की सर्वश्रेष्ठ लोक परंपराओं, संस्कृति और कला को दिखाने के लिए एक प्लेटफॉर्म प्रदान करने का हमारा उत्साह बहुत अधिक बढ़ा है। हम हर साल विरासत में सबसे बेहतरीन पारंपरिक कलाकारी और सांस्कृतिक निधियों को प्रस्तुत करने और उसे बढ़ावा देने के लिये काम करते हैं, जोकि देश के कई क्षेत्रों की शोभा बढ़ाता है। हमारा मानना है कि विरासत 2022 पिछले वर्षों की तरह ही सफल होगा, क्योंकि विरासत 2022 आपको मंत्रमुग्ध करने और एक अविस्मरणीय संगीत और सांस्कृतिक यात्रा पर फिर से ले जाने का वादा करता है। रीच की स्थापना 1995 में देहरादून में हुई थी, तबसे रीच देहरादून में विरासत महोत्सव का आयोजन करते आ रहा है। उदेश बस यही है कि भारत की कला, संस्कृति और विरासत के मूल्यों को बचा के रखा जाए और इन सांस्कृतिक मूल्यों को जन-जन तक पहुंचाया जाए। विरासत महोत्सव कई ग्रामीण कलाओं को पुनर्जीवित करने में सहायक रहा है जो दर्शकों के कमी के कारण विलुप्त होने के कगार पर था। विरासत हमारे गांव की परंपरा, संगीत, नृत्य, शिल्प, पेंटिंग, मूर्तिकला, रंगमंच, कहानी सुनाना, पारंपरिक व्यंजन, आदि को सहेजने एवं आधुनिक जमाने के चलन में लाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है और इन्हीं वजह से हमारी शास्त्रीय और समकालीन कलाओं को पुणः पहचाना जाने लगा है।

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