हरिद्वार : कोरोना संक्रमण के बीच महाकुंभ 2021 में सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए 107 घाटों पर प्रतिदिन 55 लाख श्रद्धालु स्नान कर सकेंगे। हालांकि, इस संख्या को यातायात और सड़कों की क्षमता को देखते हुए घटाया भी जा सकता है। इससे पहले कुंभ में यह संख्या करोड़ों में होती थी। लेकिन इस बार भीड़ कम होने की संभावना को लेकर कुंभ क्षेत्र को भी अस्थाई रूप से करीब एक तिहाई तक कम किया गया है।
कुंभ 2021 को लेकर ज्यादातर तैयारियां पूरी हो चुकी हैं। लेकिन, अभी तक यह अंदाजा नहीं लगाया जा सका कि कुंभ में श्रद्धालुओं की संख्या कम रहेगी या ज्यादा। कोविड के आगामी समय में होने वाले असर के हिसाब से फोर्स आदि की व्यवस्था की जानी है। जबकि, कुम्भ में सोशल डिस्टेंसिंग के आधार पर ही सारी परंपराओं को पूरा किया जाना है।
हरिद्वार में सरकार के कुल 63 स्नान घाट हैं। इनमें कुछ पुराने तो कई हाल के दिनों में तैयार किये गए हैं। आईजी कुंभ संजय गुंज्याल ने बताया कि सरकारी और प्राइवेट घाटों को मिलाकर 107 घाट है। इन पर स्नान की व्यवस्था सोशल डिस्टेंसिंग के साथ की जानी है। भारत सरकार के मानकों के अनुसार, 1.8 मीटर की दूरी एक-दूसरे के बीच होनी जरूरी है। इस हिसाब से सभी घाटों की क्षमता लगभग 55 लाख श्रद्धालुओं को एक दिन में स्नान कराने की है। लेकिन सड़कों की क्षमता इनसे कहीं कम है, इसलिए इस संख्या को उस वक्त घटाया भी जा सकता है।
घाटों का क्षेत्रफल करीब दो लाख वर्गमीटर
कुल मिलाकर सभी घाटों का क्षेत्रफल करीब 1.97 लाख वर्गमीटर है। इसके आधार पर औसत श्रद्धालुओं की संख्या आंकी गई है। ज्यादातर भीड़ मकर संक्रांति और बाद में शाही स्नानों पर होती है। महाकुंभ में फोर्स कितनी तैनात होनी है इस पर भी जल्द फैसला हो जाएगा।
सेक्टर की कुल संख्या अब 24
आईजी ने बताया, पहले महाकुंभ में मेलाक्षेत्र कुल 32 सेक्टरों में बंटा था। 2021 के महाकुंभ के लिए 40 सेक्टर बनाने की तैयारी की जा रही थी। लेकिन, कोविड के चलते इन सेक्टरों को घटाकर 24 कर दिया गया है। महाकुंभ में ऋषिकेश व आसपास का क्षेत्र रिजर्व रहेगा। जरूरत पड़ने पर इन सेक्टरों को भी खोल दिया जाएगा।