उत्तराखंड और यूपी के मुख्यमंत्रियों ने किया डिजिटल लाइब्रेरी का शुभारम्भ, प्राप्त होगी तमाम दुनिया की जानकारी

उत्तर प्रदेश तथा उत्तराखण्ड के मुख्यमंत्रियों ने संयुक्त रूप से किया राजकीय महाविद्यालय बिथ्याणी की डिजिटल लाइब्रेरी का शुभारम्भ।

देहरादून : शुक्रवार को उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ एवं उत्तराखण्ड के मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने महायोगी गुरू गोरखनाथ राजकीय महाविद्यालय बिथ्याणी यमकेश्वर (पौड़ी) में स्थापित की गई डिजिटल लाइब्रेरी का डिजिटल माध्यम से शुभारम्भ किया। यूनियन बैंक ऑफ इंडिया द्वारा अपने सी.एस.आर. फण्ड से इस डिजिटल लाइब्रेरी की स्थापना की है।
इस अवसर पर डिजिटल माध्यम से अपने सम्बोधन में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि जनपद पौड़ी के इस दूरस्थ क्षेत्र में महायोगी गुरू गोरखनाथ की स्मृति में स्थापित इस महाविद्यालय का राज्य के मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने राजकीयकरण कर इस क्षेत्र के छात्रों को उच्च शिक्षा की बड़ी सौगात दी है। यह मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र की शिक्षा के विकास के साथ ही राज्य के समग्र विकास की सोच को भी दर्शाता है। उन्होंने कहा कि इस महाविद्यालय में स्थापित की गई डिजिटल लाइब्रेरी महाविद्यालय के छात्रों के साथ ही क्षेत्र के अन्य विद्यालयों के छात्रों के लिये भी उपयोगी होगी। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि विद्यालय के शिक्षकगण इस विद्यालय में शिक्षा का अनुकूल वातावरण का सृजन कर छात्रों को राज्य व केन्द्र स्तर पर होने वाली प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करने में भी इस लाइब्रेरी को उपयोगी बनाने में मददगार होंगे। उन्होंने कहा कि आज का युग तकनीकि का युग है, एक क्लिक पर तमाम दुनिया की जानकारी प्राप्त की जा सकती है।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि पिछले चार वर्षों में उत्तराखण्ड में उल्लेखनीय कार्य हुए हैं। केदारनाथ एवं बदरीनाथ में किये गये आध्यात्मिक एवं सांस्कृतिक विकास को उन्होंने चार माह पूर्व इन स्थानों में जाकर देखा है। 2013 की आपदा के बाद आध्यात्मिक आस्था के ये केन्द्र नये स्वरूप में देश व दुनिया के सामने है। यह विकास के नये दृष्टिकोण को प्रदर्शित करता है। उन्होंने कहा कि कोविड-19 की वैश्विक महामारी में भी उत्तर प्रदेश व उत्तराखण्ड सरकार ने जनता की बेहतर सेवा की है। प्रधानमंत्री के नेतृत्व में उनकी विकासपरक सोच का परिणाम है कि उत्तराखण्ड में रेल व सडकों का तेजी से निर्माण हो रहा है। देश में आधुनिक संचार प्रणाली का तेजी से विकास हुआ है। सरकारी योजनाओं का धन सीधे लाभर्थियों के खाते में जमा हो रहा है। उन्होंने कहा कि कोविड काल में बेहतर प्रबंधन को ही परिणाम रहा कि जहां 33 करोड़ आबादी वाले अमेरिका जैसे साधन सम्पन्न देश में इस बीमारी से 5 लाख लोगों की मौत हुई वहीं 24 करोड़ आबादी वाले उत्तर प्रदेश में हुई मौत की संख्या को हम 8500 तक रोकने में सफल रहे।
मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने कहा कि महायोगी गुरू गोरखनाथ राजकीय महाविद्यालय का क्षेत्र की शिक्षा लिये बड़ा महत्व है। उच्च शिक्षा के क्षेत्र में दूरस्थ क्षेत्र के छात्रों के लिये यह विद्यालय बहुत ही उपयोगी रहा है। महाविद्यालय के विकास में स्व. आनन्द सिंह रावत का सराहनीय योगदान रहा है। इस विद्यालय को उच्च शिक्षा का केन्द्र बनाने के लिये वे प्रयासरत रहे। क्षेत्र के बच्चों को अच्छी शिक्षा के प्रति वे सदैव चिंतित रहते थे। उस महाविद्यालय में डिजिटल लाइब्रेरी की स्थापना होने से इस दूरस्थ क्षेत्र में तकनीकि क्षेत्रों में हो रहे सुधारों का लाभ छात्रों को मिलेगा। इससे छात्रों को अच्छी डिजिटल लाइब्रेरी उपलब्ध होगी। इससे वे आधुनिक संचार तकनीकि का बेहतर उपयोग कर पायेंगे तथा देश व दुनिया से जुड़ कर उनकी सोच में भी सकारात्मक परिवर्तन आ सकेगा।
इस अवसर पर यूनियन बैंक ऑफ इंडिया के मुख्य कार्याधिकारी राजकिरन राय ने कहा कि यूनियन बैंक द्वारा सीएसआर के तहत शिक्षा के साथ ही समाज हित के विभिन्न कार्यक्रमों में भागीदारी निभाई जा रही है। उन्होंने कहा कि दूरस्थ क्षेत्रों में तकनीकि शिक्षा के प्रसार में स्थापित की जा रही डिजिटल लाइब्रेरी छात्रों के लिये उपयोगी होगी। उन्होंने बैंक से सम्बन्धित कार्यकलापों की भी जानकारी दी। महायोगी गुरू गोरखनाथ महाविद्यालय के प्रधानाचार्य एम. पी. मधवाल ने कहा कि इस महाविद्यालय में 230 छात्र अध्ययनरत है, जिसमें 7 विषयों की पढ़ाई हो रही है। उच्च शिक्षा के आधुनिकीकरण की दिशा में महाविद्यालय में स्थापित की गई डिजिटल लाइब्रेरी का उन्होंने छात्रों के व्यापक हित में बताया। यह लाइब्रेरी तकनीकि शिक्षा उपलब्ध कराने में प्रेरणा का भी कार्य करेगी। यूनियन बैंक के एफजीएम राजीव मिश्रा ने आभार व्यक्त किया।

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