नई दिल्ली – विदेश मंत्रालय प्रवक्ता अरिंदम बागची ने गुरुवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस की। इस दौरान उन्होंने भारत और फ्रांस के बीच अहम बैठक, कतर में हिरासत में लिए गए आठ पूर्व भारतीय नौसेना अधिकारियों और जम्मू-कश्मीर पर बिलावल भुट्टो के ट्वीट पर प्रतिक्रिया दी।उन्होंने कहा कि भारत और फ्रांस ने दिल्ली में 36वीं सामरिक वार्ता आयोजित की। भारतीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व एनएसए डोभाल ने किया और फ्रांसीसी प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रॉन के राजनयिक सलाहकार इमैनुएल बोने ने किया। भारत और फ्रांस ने संघर्ष एन यूक्रेन के संदर्भ में वर्तमान वैश्विक सुरक्षा स्थिति, अफगानिस्तान के संदर्भ में क्षेत्रीय सुरक्षा और साइबर सुरक्षा सहित विभिन्न मुद्दों पर चर्चा की। बोने अभी-अभी विदेश मंत्री से मिले हैं और वे प्रधानमंत्री से बाद में मुलाकात करेंगे।
विदेश मंत्रालय ने कतर में हिरासत में लिए गए आठ पूर्व भारतीय नौसेना अधिकारियों के बारे में भी बताया। बागची ने कहा कि हमारे पास कोई विशेष अपडेट नहीं है। हमें कांसुलर एक्सेस का दूसरा दौर मिला। परिवार के कुछ सदस्य वहां गए हैं।जम्मू-कश्मीर पर पाकिस्तानी प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ के मंत्री बिलावल भुट्टो के ट्वीट पर भी विदेश मंत्रालय ने जवाब दिया। उन्होंने साफ किया कि अनुच्छेद 370 पूरी तरह से भारत के साथ-साथ हमारे संविधान का मामला है। यह एक संप्रभु मामला है। हम यह नहीं देखते हैं कि इस पर उनका क्या रुख है। विदेश मंत्रालय ने ओडिशा में तीन रूसी नागरिकों की मौत मामले पर बयान दिया। बागची ने बताया कि मामले की आवश्यक जांच की जा रही है। ओडिशा के तट पर अंतरराष्ट्रीय जल में एक रूसी नाविक की मौत मामले पर भी हमारी नजर है। औपचारिकताओं के लिए उनके पार्थिव शरीर को पारादीप पोर्ट लाया गया है। मैं तीनों मामलों को एक साथ नहीं जोड़ना चाहूंगा। भारत एक बड़ा देश है, जहां बड़ी संख्या में विदेशी आते हैं।