राजभवन में ‘मन की बात’ के 100वें संस्करण की विशेष स्क्रीनिंग कार्यक्रम आयोजित हुआ

देहरादून। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के लोकप्रिय रेडियो कार्यक्रम ‘मन की बात’ के 100वें संस्करण की विशेष स्क्रीनिंग का कार्यक्रम राजभवन में आयोजित हुआ। सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय भारत सरकार द्वारा आयोजित इस कार्यक्रम में राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (से नि) सहित विभिन्न क्षेत्रों में जुड़ी प्रदेश की हस्तियों ने प्रतिभाग किया। इस दौरान केन्द्रीय संचार ब्यूरो देहरादून द्वारा राजभवन प्रांगण में मन की बात और आजादी के अमृत महोत्सव जैसे विषयों पर प्रदर्शनी आयोजित की गई जिसका शुभारंभ राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (से नि) ने किया। इसके उपरांत राज्यपाल और उपस्थित गणमान्य लोगों ने इस प्रदर्शनी का अवलोकन किया।मन की बात कार्यक्रम में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 100वें एपिसोड की सभी देशवासियों को बधाई देते हुए कहा कि मन की बात देशवासियों की अच्छाईयों का, सकारात्मकता का, एक अनोखा पर्व बन गया है। एक ऐसा पर्व जो हर महीने आता है, जिसका इंतजार हम सभी को होता है। मन की बात जिस विषय से जोड़ा वह आप सब लोगों के कारण जन आंदोलन बन गया है। मन की बात दूसरों के गुणों से सीखने का बहुत बड़ा माध्यम बन गयी है। उन्होंने कहा कि मन की बात ने मुझे इस चुनौती का समाधान दिया, सामान्य मानवी से जुड़ने का रास्ता दिया। पदभार और प्रोटोकॉल, व्यवस्था तक ही सीमित रहा और जनभाव, कोटि-कोटि जनों के साथ, मेरे भाव, विश्व अटूट अंग बन गया।प्रधानमंत्री ने मन की बात कार्यक्रम को स्वयं के संदर्भ में एक कार्यक्रम ही नहीं है, बल्कि एक आस्था, पूजा और व्रत बताया। उन्होंने कहा कि मन की बात में जिन लोगों का हम जिक्र करते हैं, वे सब हमारे हीरोज हैं जिन्होंने इस कार्यक्रम को जींवत बनाया है। आज जब हम 100वें एपिसोड के पड़ाव पर पहुंचे हैं, तो मेरी ये भी इच्छा है कि हम एक बार फिर इन सारे हीरोज के पास जाकर उनकी यात्रा के बारे में जानें।

इस अवसर पर प्रधानमंत्री ने देश भर के विभिन्न क्षेत्रों में उत्कृष्ट कार्य करने वाले लोगों का जिक्र करते हुए उनसे वार्ता की। कार्यक्रम में यूनेस्को की डीजी औद्रे ऑजुले ने 100वें एपिसोड के इस उपलब्धि के लिए शुभकामनाएं दी। प्रधानमंत्री ने 100वें एपिसोड के अवसर पर आकाशवाणी और दूरदर्शन के सभी अधिकारियों एवं कर्मचारियों को धन्यवाद दिया।कार्यक्रम में राज्यपाल ने अपने संबोधन में कहा कि प्रधानमंत्री जी द्वारा मन की बात कार्यक्रम का 100वां संस्करण एक ऐतिहासिक क्षण है, जिसके हम सभी आज साक्षी बने हैं। उन्होंने कहा कि इस कार्यक्रम के माध्यम से सामाजिक कार्यों में निःस्वार्थ भाव से जुटे लोगों को जन-जन की आवाज बनाया है। उन्होंने कहा कि यह एक आत्मिक जुड़ाव वाला कार्यक्रम है, जो लोगों को लोगों से जोड़ता है। उन्होंने कहा कि मन की बात कार्यक्रम का हर संस्करण अपने आप में खास रहा है, हर बार नए उदाहरणों की नवीनता, पूरे देश के कोने-कोने और हर आयु वर्ग के लोग इस कार्यक्रम से जुड़े। उन्होंने कहा कि एक ऐसा पर्व जो हर महीने आता है, जिसका इंतजार हम सभी को होता है। प्रधानमंत्री जी ने रेडियो को एक नया जीवंत रूप दिया है। राज्यपाल ने कहा कि मन की बात कार्यक्रम में जब भी उत्तराखण्ड का जिक्र होता है तो हमें गर्व महसूस होता है। उन्होंने कहा कि मन की बात कार्यक्रमों में उत्तराखण्ड के जिन लोगों का जिक्र किया गया है वे सभी हमारे हीरोज, आइकन और ब्रांड एम्बेसडर हैं। वे सभी अन्य लोगों के लिए एक प्रेरणा के रूप में कार्य करेंगे। उन्होंने कहा कि मन की बात कार्यक्रम के 100 एपिसोड में बेटियों के बारे में, मातृशक्ति बारे में और हिमालय के बारे में बात की गई है जो हमें गौरवान्वित करती है। राज्यपाल ने इस कार्यक्रम के सफल आयोजन हेतु सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय के अधिकारियों को बधाई दी।इस कार्यक्रम के अवसर पर पद्मश्री प्रीतम सिंह भरतवाण, पद्मश्री डॉ. बी.के.एस संजय, पद्मश्री प्रेमचंद शर्मा, पद्मश्री बंसती देवी, पद्मश्री बसंती बिष्ट, पद्मश्री माधुरी बड़थ्वाल, सचिव राज्यपाल रविनाथ रामन, अपर सचिव स्वाति एस भदौरिया, उप महानिदेशक प्रसार भारती मनोज गुप्ता, कार्यक्रम प्रमुख तरनजीत कौर, प्रभारी पीआईबी देहरादून अनिल दत्त शर्मा, सहायक निदेशक सीबीसी संतोष आशीष सहित प्रधानमंत्री द्वारा पूर्व के मन की बात कार्यक्रम में जिन लोगों का जिक्र किया गया था, उनमें से पूरण राठौर, पूनम नौटियाल, मनोज बेंजवाल, चंपा देवी, सच्चिदानंद भारती, संतोष नेगी, गायत्री, सुरेन्द्र बगवाड़ी भी उपस्थित रहे। इसके अलावा कार्यक्रम में खेल, शिक्षा, पर्यावरण, कृषि, उद्योग, सांस्कृतिक आदि क्षेत्रों से जुड़े लोग उपस्थित रहे।

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