प्रदेश के लोगों के लिए जीवनदायिनी साबित हो रही मुख्यमंत्री की एंबुलेंस सेवा, ऐसे निभा रहे अपनी जिम्मेदारी

उत्तराखंड : ठेठ पहाड़ी राज्य उत्तराखंड में गंभीर रोगियों व दुर्घटना में घायल लोगों के लिए एयर एंबुलेंस सेवा वरदान साबित हो रही है। सरकार लगातार प्रयासरत है कि तत्काल उपचार के अभाव में किसी व्यक्ति की जान नहीं जानी चाहिए। इस मामले को लेकर मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत की गंभीरता का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि जब कभी भी एयर एम्बुलेंस सेवा उपलब्ध कराने में अधिकृत एविएशन कम्पनी असफल रही तो उन्होंने राज्य सरकार का हेलीकॉप्टर भेजकर अपनी जिम्मेदारी को बखूबी निभाया।
शनिवार को चमोली जिले के देवाल ब्लॉक में हुई मैक्स दुर्घटना के दो घायल व्यक्तियों को भी राज्य सरकार का हैलीकॉप्टर एम्स ऋषिकेश लेकर आया।
यह कोई पहला या दूसरा मौका नहीं है जब मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने किसी गंभीर मरीज को एयर लिफ्ट कराने के निर्देश दिए हों अपितु राज्य में सत्तासीन होने के बाद से मुख्यमंत्री गंभीर रोगियों और दुर्घटना के घायलों को एयर लिफ्ट करवाकर उनके अमूल्य जीवन को बचाने की पूरी कोशिश करते नजर आए हैं। ठीक उस तरह जैसे किसी परिवार का मुखिया अपने परिजनों की फिक्र करता है।
उत्तराखंड विषम भौगोलिक परिस्थितियों वाला राज्य है। पहाड़ी इलाकों में सड़क दुर्घटना होने की स्थिति में कई बार घायलों को उच्च चिकित्सा संस्थानों तक पहुंचाने में स्वाभाविक देरी हो जाती है। चूंकि किसी भी सड़क हादसे, गंभीर रोग (हार्ट अटैक, गर्भावस्था आदि) में समय पर उपचार का बेहद अहम रोल होता है। ऐसे मौकों पर मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत की दरियादिली देखने को मिलती है।
पर्वतीय क्षेत्रों में होने वाले हादसों और गंभीर रोगियों को देखते हुए उत्तराखंड सरकार ने विगत वर्ष हेरिटेज एविएशन के साथ करार कर एयर एंबुलेंस की सेवा प्रारंभ की है जिसके लिए एम्स ऋषिकेश में हेलीपैड भी तैयार किया गया है। यह एयर एम्बुलेंस मरीजों के लिए जीवनदायिनी साबित हो रही है। किसी मौके पर निजी कंपनी का हेलीकॉप्टर उपलब्ध नहीं होने की दशा में मुख्यमंत्री जी अपना सरकारी हेलीकॉप्टर घायलों को एयर लिफ्ट कराने के लिए भेज रहे हैं।
वर्ष 2018 जुलाई माह में उत्तरकाशी में बस दुर्घटनाग्रस्त हो गई थी, जिस पर 14 गंभीर घायलों को तत्काल हेली से हायर सेंटर पहुंचाया गया। इसी तरह मार्च 2019 में जब मुख्यमंत्री पौड़ी में एक जनसभा को संबोधित कर रहे थे तो उन्हें सूचना मिली कि जीआईसी गोपेश्वर में तैनात एक शिक्षक का एक्सीडेंट हो गया है। फौरन सीएम ने अपना चॉपर भेजा और शिक्षक को एयर लिफ्ट करा उनकी जान बचाने में सहयोग किया।
इसी तरह, मार्च 2020 में पौड़ी के कोट ब्लॉक में भालू के हमले में घायल दो महिलाओं को भी सरकारी चॉपर से एम्स ऋषिकेश में भर्ती कराकर उनकी जान बचाने का कार्य किया। वहीं, बीते वर्ष पहले पौड़ी के और फिर अप्रैल माह में गैरसैंण के वरिष्ठ पत्रकार को हृदयाघात हो जाने पर मुख्यमंत्री ने तत्काल अपना सरकारी हेलिकॉप्टर भेजकर उन्हें उच्च चिकित्सा संस्थान एम्स ऋषिकेश में भर्ती कराया।

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