राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने दून विश्वविद्यालय के तृतीय दीक्षांत समारोह में 36 मेधावी छात्र-छात्राओं को सम्मानित किया

देहरादून – राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मु ने दून विश्वविद्यालय के तृतीय दीक्षांत समारोह में 36 मेधावी छात्र-छात्राओं को सम्मानित किया। समारोह में वर्ष 2021 के स्नातक, परास्नातक एवं पी.एच.डी. के 669 विद्यार्थियों को उपाधि प्रदान की गई। राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मु ने विद्यार्थियों को बधाई देते हुए कहा कि इस दिन की स्मृति विद्यार्थियों के जीवन-यात्रा के सबसे यादगार अनुभव में से एक रहेगी। उन्होंने आशा व्यक्त की कि यह विश्वविद्यालय शिक्षा के विभिन्न मानकों पर एक उत्कृष्ट संस्थान के रूप में अपनी पहचान बनाएगा। उन्होंने कहा कि मानव संसाधन की गुणवत्ता, शिक्षा की गुणवत्ता पर निर्भर करती है। आज का युवा, कल का भविष्य है, इस सूत्र वाक्य को अंगीकार करते हुए, दून विश्वविद्यालय को सिर्फ राज्य स्तर पर ही नहीं बल्कि राष्ट्रीय स्तर पर गुणवत्तापरक मानव संसाधन तैयार करने की दिशा में कार्यरत रहना है। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय द्वारा स्थानीय भाषाओं को प्रोत्साहित करना हमारी लोक संस्कृति की संरक्षण का सराहनीय प्रयास है। हमारी लोक भाषाएं हमारी संस्कृति की अमूर्त धरोहर हैं।
विश्वविद्यालय द्वारा वर्तमान सत्र से राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 को लागू किया जाना उपयोगी कदम है। राष्ट्रपति ने कहा कि हमारी बेटियां जीवन के सभी क्षेत्रों में सफलता प्राप्त कर रही हैं। इसका साक्षात उदाहरण आज के इस दीक्षांत समारोह में देखने को मिला। 36 गोल्ड मेडल्स में से 24 छात्राओं को प्राप्त हुए हैं, जबकि 16 शोधार्थियों में से 8 बेटियों को पी.एच.डी. की डिग्री प्रदान की गई है।राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल श्री गुरमीत सिंह (सेवानिवृत्त) ने राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मु का हार्दिक स्वागत करते हुए कहा कि आज एक सुखद अनुभूति रही है। आज दून विश्वविद्यालय में सर्वोच्च मातृशक्ति के रूप में माननीय राष्ट्रपति जी हम सभी को आशीर्वाद प्रदान करने हेतु उपस्थित हुई हैं। मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मु जी के संघर्षमय जीवन का फलक अत्यंत व्यापक रहा है। उनकी प्रगतिशील चेतना ही थी जिसने संघर्षों की ज्वाला में तपाकर उनको विश्व के सबसे बड़े लोकतांत्रिक देश भारत की राष्ट्रपति होने का गरिमामय आसन प्रदान किया। उन्होंने कहा कि राष्ट्रपति जी का जीवन संघर्ष के साथ साथ महिला सशक्तीकरण की भी प्रेरणादाई मिसाल है। उनका सरल स्वभाव, धैर्यशीलता एवं विनम्र आचरण सभी के लिए अनुकरणीय उदाहरण है।इस अवसर पर उच्च शिक्षा मंत्री डॉ। धन सिंह रावत, कैबिनेट मंत्री प्रेम चंद अग्रवाल, सुबोध उनियाल, पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत, विधायकगण, विभिन्न विश्वविद्यालयों के कुलपति एवं अन्य गणमान्य उपस्थित रहे।

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