प्रयागराज – उत्तर प्रदेश का प्रयागराज शुक्रवार को पूर्व विधायक राजू पाल की हत्या मामले के गवाह उमेश पाल की दिनदहाड़े हत्या से दहल गया। 6 शूटरों ने 47 सेकेंड तक उमेश पाल पर गोलियां बरसाईं और कई बम भी पटके। इस सनसनीखेज वारदात ने 18 साल पहले तत्कालीन विधायक राजू पाल की हत्या की खौफनाक यादों को ताजा कर दिया।
उमेश राजू पाल के बालसखा और रिश्तेदार थे। वह उनकी हत्या मामले में गवाह भी थे, जिसके कारण माफिया अतीक अहमद गैंग उसे अपना दुश्मन नंबर एक समझता था।राजूपाल हत्याकांड के गवाह उमेश पाल और उनके गनर की हत्या की वारदात जिस तरीके से अंजाम दी गई, उससे यह तय है कि इसके लिए फुलप्रूफ प्लानिंग की गई थी। यह भी कहा जा रहा है कि जिस तरह से उमेश के कार से घर के बाहर पहुंचने पर यह वारदात की गई, उससे यह भी आशंका जताई जा रही है कि शायद हत्यारे कचहरी से ही उनके पीछे लगे थे।बताया जा रहा है कि वारदात से करीब आधे घंटे पहले ही उमेश कोर्ट से निकले थे। वहां से सीधे वह निकलकर घर ही पहुंचे थे। ऐसे में इस बात की भी आशंका जताई जा रही है कि हत्या से पहले न सिर्फ उनकी रेकी हुई बल्कि घटना के दौरान एक -एक पल की लोकेशन भी शूटरों को दी जा रही थी।
दरअससल, 25 जनवरी 2005 को तत्कालीन बसपा विधायक राजू पाल की हत्या भी इसी तरह से की गई थी। उस समय में वह दो गाड़ियों के काफिले के साथ अपने घर जा रहे थे। रास्ते में उनकी गाड़ियों को घेरकर शूटरों ने फायरिंग की। राजू पाल समेत उनके दो करीबियों की इस वारदात के बाद मौत हो गई थी। उमेश पाल इस हत्याकांड के चश्मदीद गवाह थे।