उत्तराखंड : ग्रामीण क्षेत्रों की जमीन और भवनों के स्वामित्व को लेकर विवाद, आधे-अधूरे अभिलेखों आदि के न होने की इस समस्या से राहत दिलाने के लिए स्वामित्व योजना के पहले चरण का कार्य अब तकरीबन हो चुका है। प्रधानमंत्री के इस पायलट प्रोजेक्ट में पहले राज्य के तीन जिले पौड़ी, ऊधमसिंहनगर और अल्मोड़ा को लिया गया था। इसके बाद अल्मोड़ा के जिलाधिकारी द्वारा तकनीकी दिक्कतों की परेशानी बताने के बाद इस जिले की जगह हरिद्वार को लिया गया।
उत्तराखंड में जल्द ही 2 अक्टूबर यानि गांधी जयंती के मौके पर यह पहल की जा रही है। इसके जरिए ग्राम स्वराज के राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के सपने को पूरा किया जा सकेगा जिसमें अब गांवों में भी जमीन और भवनों के मानचित्र होंगे और स्वामित्व कार्ड ग्रामीणों के पास होंगे। प्रधानमंत्री मोदी और मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत वर्चुअल तरीके से 50 गांवों के 30 हजार ग्रामीणों को स्वामित्व कार्ड सौंपेंगे।
इस योजना के तहत कार्ड 2 अक्टूबर को सौंपे जाएंगे लेकिन इसके लिए पूरी तैयारी हो गई है। वे गांव जिनका सर्वे हो चुका है, उनके मानचित्र को तैयार कर जमीन, स्कूलों व पंचायतों भवनों, दुकानों को अंकित किया जा चुका है। ग्रामीणों से मानचित्र के संबंध में आपत्ति मांगी गई है। इसके लिए उन्हें नोटिस दिए गए हैं और नोटिस के जवाब में 21 दिन की मोहलत दी है।
आपत्तियों की समस्या दूर होने के बाद कार्ड देने के लिए ग्रामीणों की लिस्ट बनाई जाएगी। राजस्व अपर सचिव बीएम मिश्रा ने इस बारे में बताया कि 2 अक्टूबर को प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री के हाथों दिए जाने वाले स्वामित्व कार्ड तैयार किये जा रहे हैं।