देहरादून : मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने मंगलवार को प्रदेश की राज्यपाल बेबी रानी मौर्य से मिलकर उन्हें अपना इस्तीफा सौंपा। राज्यपाल ने अगले सीएम के कार्यभार ग्रहण करने तक त्रिवेंद्र सिंह रावत से कार्यवाहक मुख्यमंत्री के रूप में काम करते रहने को कहा है। अपना इस्तीफा सौंपने के बाद राजभवन से लौटे त्रिवेंद्र सिंह रावत ने अपने आवास पर एक संक्षिप्त प्रेस कांफ्रेंस की।
ढाई मिनट की इस प्रेस कांफ्रेंस में बेहद कम शब्दों में त्रिवेंद्र सिंह रावत ने बड़े संदेश देने की कोशिश की। उनके चेहरे और बातों में उनका दर्द भी झलका। पार्टी के प्रति आभार प्रकट करते हुए उन्होंने कहा कि उन्हें चार साल सेवा का मौका मिला, यह उनका परम सौभाग्य है। हालांकि जब उन्होंने यह कहा कि उनकी सरकार के चार साल पूरा होने में (18 मार्च) नौ दिन ही बचे थे, तब उनका दर्द चेहरे पर साफ नज़र आ रहा था। प्रेस कांफ्रेंस में इस्तीफे की वजह के बारे में पूछे जाने पर त्रिवेंद्र सिंह रावत ने सवाल टाल दिया। उन्होंने कहा कि ये सामूहिक निर्णय होता है। इसके जवाब के लिए आपको दिल्ली जाना होगा।
उन्होंने कहा कि वह एक छोटे से परिवार से आते हैं। सात-आठ घरों का उनका छोटा सा गांव है। वह सैनिक परिवार से आते हैं। यह केवल भाजपा में ही संभव है कि उन्हें उत्तराखंड के मुख्यमंत्री के रूप में चार साल तक काम करने का स्वर्णिम अवसर मिला। उन्होंने महिलाओं और किसानों के लिए राज्य में शुरू की गईं योजनाओं का उल्लेख किया और कहा कि यह करने का अवसर उन्हें मिला यह उनका सौभाग्य है।
उन्होंने कहा, ‘मैंने कभी सीएम बनने की कल्पना नहीं की थी। मेरी पार्टी ने मुझे बहुत कुछ दिया। मैं प्रदेशवासियों का धन्यवाद करता हूं। मैंने किसानों के लिए योजना चलाई। मैं माननीय राज्यपाल को अपना त्यागपत्र सौंपकर आ गया हूं।’ त्रिवेंद्र सिंह रावत ने बताया कि मंगलवार यानी आज सुबह 10 बजे पार्टी मुख्यालय में विधानमंडल दल की बैठक है, उसमें सभी विधायक मौजूद रहेंगे। उन्होंने इस बैठक में चुने जाने वाले नए मुख्यमंत्री के लिए अपनी शुभकामनाएं व्यक्त कीं।