अंतरिक्ष की दुनिया में भारत ने तेजी से अपने कदम बढ़ाए हैं, जिस कारण दुनिया की नजर भारत की ओर लगी हैं। इसी कड़ी में थाईलैंड की राजकुमारी उबोल रत्ना भारत दौरे पर आ रही हैं। वह 13 फरवरी को एरीज की देवस्थल स्थित एशिया की सबसे बड़ी दूरबीन को देखने आ रही हैं। इस दौरान दोनों देशों के बीच खगोल विज्ञान के क्षेत्र में संभावनाओं पर चर्चा होगी। माना जा रहा है कि अंतरिक्ष कार्यक्रम में भारत उनका सहयोग ले सकता है।
थाई राजकुमारी खगोल के प्रति बेहद रुचि रखती हैं। जिसके चलते अंतरिक्ष के क्षेत्र में वह भारत के साथ संभावनाएं तलाशने को लेकर यहां आ रही हैं। उनकी खगोल के प्रति गहन रुचि को लेकर संभावना है कि दोनों देशों के बीच खगोल विज्ञान की दिशा में नई योजनाएं बनाने में बल मिलेगा। साथ ही एशियाई देशों के एक दूसरे को साथ सहयोग करने की दिशा में एशियन नेटवर्क बनाने में आसानी होगी। उनके भारत दौरे को लेकर पिछले दो माह से तैयारियां चल रही थी। वह 12 फरवरी को देहरादून पहुंचेगी। जिसके बाद 13 फरवरी दोपहर में वे रुद्रपुर पहुंचेगी। इसके बाद शाम को देवस्थल विजिट करेंगी। देवस्थल में एशिया की सबसे बढ़ी 3.6 मीटर आप्टिकल दूरबीन का अवलोकन करेंगी। इसके बाद चार मीटर की लिक्विड मिरर दूरबीन के बारे में जानकारी लेंगी। साथ ही देवस्थल की 1.3 मीटर की दूरबीन से ग्रह नक्षत्रों देखेंगी।
बाता दें की भारत कई तरह की दूरबीनों को लेकर अब दुनिया में अपना विशेष स्थान बना चुका है। जिसमें आप्टिकल के अलावा रेडियो, लिक्विड मिरर व सोलर टेलीस्कोप की सुविधा देश के पास हैं।