नैनीताल :
उत्तराखंड राज्य आंदोलन के दौरान 2 अक्तूबर 1994 को हुए चर्चित रामपुर तिराहा कांड मामले में नैनीताल हाईकोर्ट ने उत्तर प्रदेश सरकार को दो सप्ताह के भीतर जवाब दाखिल करने के निर्देश दिए हैं। न्यायमूर्ति पंकज पुरोहित की एकलपीठ ने सुनवाई के दौरान यूपी सरकार से पूछा कि घटना के बाद दर्ज छह मुकदमे किस अदालत में लंबित हैं और उनकी वर्तमान स्थिति क्या है।
याचिकाकर्ता की ओर से अधिवक्ता रमन शाह ने कोर्ट को बताया कि इन मामलों में पिछले 30 वर्षों से कोई सुनवाई नहीं हो रही है। छह मुकदमे हाईकोर्ट के रजिस्ट्रार जनरल के निर्देश पर मुजफ्फरनगर कोर्ट भेजे गए थे, लेकिन तब से इन पर कार्यवाही ठप है। अधिवक्ता ने मांग की कि इन मामलों की शीघ्र सुनवाई कराई जाए।
मामले में सात महिलाओं के साथ दुष्कर्म और 17 अन्य आंदोलनकारियों के साथ मारपीट व प्रताड़ना के आरोप लगे थे। मुख्य आरोपी तत्कालीन जिलाधिकारी अनंत कुमार सिंह और सात अन्य के खिलाफ सीबीआई ने गंभीर धाराओं में केस दर्ज कर मुजफ्फरनगर कोर्ट में स्थानांतरित किया था, लेकिन सुनवाई अब तक लंबित है।
यह है मामला
2 अक्तूबर 1994 को पृथक राज्य की मांग को लेकर दिल्ली जा रहे आंदोलनकारियों पर मुजफ्फरनगर के रामपुर तिराहे पर पुलिस ने लाठीचार्ज और फायरिंग की थी। सात आंदोलनकारियों की मौत हो गई थी और कई महिला आंदोलनकारियों के साथ दुष्कर्म हुआ था। मामले की सीबीआई जांच के आदेश दिए गए थे, लेकिन विभिन्न कारणों से 30 साल बाद भी न्याय प्रक्रिया अधूरी है।