देश में डिजिटल पेमेंट्स को और आसान व सुरक्षित बनाने के लिए नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (NPCI) ने बड़ा कदम उठाया है। 8 अक्टूबर से UPI ट्रांजैक्शंस के लिए बायोमेट्रिक ऑथेंटिकेशन की सुविधा शुरू की जा रही है। अब उपयोगकर्ता अपने चेहरे या फिंगरप्रिंट के जरिए पेमेंट को प्रमाणित कर सकेंगे, जिससे छह अंकों वाले UPI पिन की आवश्यकता वैकल्पिक हो जाएगी।
NPCI ने मुंबई में ग्लोबल फिनटेक फेस्ट में इस नई सर्विस का शुभारंभ किया। NPCI के डिप्टी गवर्नर टी रबी शंकर ने कहा कि फेस और फिंगरप्रिंट आधारित ऑथेंटिकेशन डिजिटल ट्रांजैक्शंस को पहले से अधिक तेज़ और सुरक्षित बनाएगा। पिन आधारित प्रणाली भी जारी रहेगी।
साथ ही, UPI ट्रांजैक्शन लिमिट को बढ़ा कर 5 से 10 लाख रुपये तक कर दिया गया है। यह बढ़ोतरी बड़े पैमाने पर व्यावसायिक और व्यक्तिगत लेन-देन को आसान बनाएगी। देश में डिजिटल ट्रांजैक्शंस का लगभग 85 प्रतिशत हिस्सा UPI के माध्यम से हो रहा है, जिससे भारत दुनिया में सबसे तेज़ डिजिटल पेमेंट सिस्टम वाला देश बन चुका है।