देहरादून : अगले महीने एक नवंबर से घरेलू गैस सिलेंडर की होम डिलीवरी सिस्टम में बदलाव होने जा रहा है। अब बिना वन टाइम पासवर्ड (ओटीपी) के उपभोक्ताओं को गैस की डिलीवरी नहीं की जाएगी। उपभोक्ताओं की रसीद कटने के बाद उनके पंजीकृत मोबाइल नंबर पर यह ओटीपी आएगा। इस सिस्टम को डिलीवरी ऑथेंटिकेशन कोड (डॉक) नाम दिया गया है।
पूरे देशभर में गैस कंपनियां करीब सात महीनों से डॉक पर काम कर रही हैं। सबसे पहले सिस्टम उज्जवला योजना पर लागू किया गया। अब गैस कंपनियां सभी उपभोक्ताओं पर यह सिस्टम लागू करने की तैयारी कर रही हैं। प्रदेश में इसका ट्रायल देहरादून से शुरू हो रहा है। दून में आइओसी, बीपीसीएल और एचपीसीएल को मिलाकर करीब 60 गैस एजेंसियां हैं। इनमें करीब साढ़े छह लाख उपभोक्ता हैं, जिन पर यह सिस्टम लागू होने जा रहा है।
डॉक सिस्टम लागू होने के बाद केवल बुकिंग करा लेने से ही सिलेंडर की डिलीवरी नहीं होगी। गैस एजेंसी के द्वारा पंजीकृत मोबाइल नंबर पर एक कोड भेजा जाएगा। उस कोड को जब तक डिलीवरी ब्वाय को नहीं दिखाया जाएगा, तब तक सिलेंडर की डिलीवरी नहीं होगी। अगर किसी उपभोक्ता का मोबाइल नंबर अपडेट नहीं है तो डिलीवरी ब्वाय कंपनी के मोबाइल एप के जरिये मौके पर ही नंबर अपडेट करवा लेगा।
सुधीर कश्यप (एरिया सेल्स मैनेजर, आइओसी) का कहना है कि देहरादून में उज्जवला कनेक्शन के बाद सभी घरेलू गैस उपभोक्ताओं के लिए डॉक सिस्टम लागू करने की तैयारी की जा रही है। यह कितनी सख्ती से लागू होगा और इसके लिए क्या गाइडलाइन होगी इसके लिए कंपनी जल्द आदेश जारी करेगी।
अनुराग जैन (गैस एजेंसी संचालक) ने बताया कि गैस कंपनियों द्वारा लागू किया जा रहा डॉक सिस्टम अच्छा है, लेकिन कई मायनों में यह व्यवहारिक साबित नहीं होता। कई उपभोक्ता गैस डिलीवरी के समय घर पर नहीं होते। ऐसे में इन उपभोक्ताओं को सिलेंडर उपलब्ध करवाने के लिए व्यवस्था बनानी जरूरी है।