देहरादून:
कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) ने 11 करोड़ रुपये के बकाया फंड को लेकर वसूली कार्यवाही में नैनीताल तहसील अंतर्गत हिन्दुस्तान मशीन टूल्स (एचएमटी) की रानीबाग स्थित भूमि को अधिग्रहित कर लिया है। अधिकारियों ने बताया कि कर्मचारियों के हित में यह कदम उठाया गया है ताकि भविष्य निधि की राशि कर्मचारियों तक समय पर पहुंच सके।
भविष्य निधि आयुक्त आकाश वर्मा ने बताया कि प्रतिष्ठान के खिलाफ एक अर्ध न्यायिक जाँच के बाद यह कार्यवाही की गई है। आयुक्त ने बताया कि एचएमटी द्वारा मार्च 1986 से अक्टूबर 2012 तक प्रतिष्ठान में कार्यरत रहे कर्मचारियों के भविष्य निधि अंशदान भुगतान में लगभग 11 करोड़ रुपये की बकाया धनराशि का भुगतान नहीं किया था।
गौरतलब है कि कभी रोजगार का गढ़ रही एचएमटी फैक्ट्री अब खंडहर हो चुकी है कुमाऊं के प्रवेश द्वार हल्द्वानी के रानीबाग में 1982 में स्व. इंदिरा गांधी की मंजूरी और 1985 में स्व. राजीवगांधी के उद्घाटन के बाद शुरू हुई एचएमटी फैक्ट्री कभी उत्तराखंड की शान मानी जाती थी। यह उद्योग स्व. एनडी तिवारी का ड्रीम प्रोजेक्ट था, जिसने हजारों लोगों को रोजगार दिया।
91 एकड़ में फैली इस फैक्ट्री में 500 से अधिक मशीनें थीं और हर साल करीब 20 लाख घड़ियां बनती थीं। प्रतिवर्ष 500 करोड़ का टर्नओवर हुआ करता था। लेकिन 2016 से फैक्ट्री बंद है। आधी से ज्यादा मशीनें नीलाम हो चुकी हैं और आवासीय कॉलोनियां खंडहर बन चुकी हैं। ईपीएफओ की टीम ने रानीबाग स्थित एचएमटी की भूमि का अधिग्रहण कर लिया है। इस कार्रवाई के तहत बकाया राशि की वसूली के साथ-साथ कर्मचारियों के भविष्य की सुरक्षा सुनिश्चित की जाएगी।
प्रशासन ने बताया कि यह कदम लंबित बकाया की वसूली और कर्मचारियों के हितों की रक्षा के लिए आवश्यक था। अधिकारियों का कहना है कि अब कर्मचारियों को उनके फंड में किसी भी प्रकार की देरी का सामना नहीं करना पड़ेगा।
एचएमटी की रानीबाग भूमि अधिग्रहण का यह निर्णय कर्मचारियों और ईपीएफओ दोनों के हितों में लिया गया है। प्रशासन ने स्पष्ट किया कि आगे भी ऐसी कार्रवाई समय-समय पर की जाएगी ताकि कर्मचारी अपने हक का भुगतान समय पर प्राप्त कर सकें।