नौकरी छोड़ने के 12 महीने के भीतर दूसरी सर्विस ज्वाइन करने पर नहीं टूटेगी पेंशन पात्रता
75% पीएफ तुरंत निकाल सकेंगे, बाकी 25% एक साल बाद
पेंशन गणना और उम्र सीमा में भी बदलाव
देहरादून। कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) ने अपने सदस्यों के लिए पेंशन और पीएफ से जुड़े नियमों में बड़ा बदलाव किया है। यह बदलाव देशभर के करोड़ों कर्मचारियों के लिए राहत भरी खबर है।
क्या है नया नियम?
अगर कोई कर्मचारी नौकरी छोड़ देता है और 12 महीने के भीतर नई नौकरी ज्वाइन कर लेता है, तो उसकी पुरानी सर्विस नई सर्विस में जुड़ जाएगी। पहले नौकरी छोड़ने के दो महीने बाद सर्विस ब्रेक मानी जाती थी और पेंशन पात्रता टूट जाती थी। नए नियम से अब सर्विस में निरंतरता बनी रहेगी, जिससे पेंशन का लाभ बरकरार रहेगा।
PF निकासी में भी बदलाव
अब कर्मचारी नौकरी छोड़ने पर 75% पीएफ निकाल सकते हैं, जिसके लिए दो महीने का इंतजार नहीं करना होगा।
हालांकि, शेष 25% राशि एक साल बाद ही निकाली जा सकेगी। EPFO का उद्देश्य है कि अगर कर्मचारी का मन बदल जाए और वह एक साल के भीतर दूसरी नौकरी ज्वाइन करे, तो उसकी सर्विस समाप्त न हो और पेंशन लाभ बरकरार रहे।
पेंशन गणना का नया फॉर्मूला
EPFO ने पेंशन की गणना के तरीके में भी अहम संशोधन किया है। पहले पेंशन आखिरी वेतन के आधार पर तय होती थी, अब यह पिछले 5 वर्षों के औसत वेतन के आधार पर तय की जाएगी।
इसके साथ ही, अब कर्मचारी 50 वर्ष की उम्र में भी अर्ली पेंशन के लिए आवेदन कर सकते हैं। हालांकि जल्दी पेंशन लेने पर राशि थोड़ी कम होगी।
क्लेम प्रक्रिया हुई आसान
अब पेंशन क्लेम के लिए कर्मचारियों को फॉर्म भरने या दस्तावेज़ जमा कराने के लिए दफ्तरों की लाइन में नहीं लगना होगा। यह प्रक्रिया अब EPFO की वेबसाइट या मोबाइल ऐप से ऑनलाइन पूरी की जा सकती है।
पेंशन लिमिट में बढ़ोतरी
पहले अधिकतम पेंशन सीमा ₹7,500 थी, जिसे अब ₹15,000 प्रति माह कर दिया गया है। यानी उच्च वेतन पाने वाले कर्मचारियों को रिटायरमेंट के बाद अधिक पेंशन का लाभ मिलेगा।
कर्मचारियों का हित और नुकसान
10 साल से पहले पेंशन पात्रता जल्दी लाभ मिलेगा, 12 महीने में नौकरी न मिलने पर सर्विस ब्रेक मानी जाएगी।
75% PF तुरंत निकासी वित्तीय राहत तुरंत 25% राशि एक साल तक अटकी रहेगी।
50 वर्ष में अर्ली पेंशन जल्दी सुरक्षा पेंशन राशि घट जाएगी।
5 साल की औसत सैलरी से गणना निष्पक्ष गणना, कम वेतन वाले सालों से औसत घट सकता है।
ऑनलाइन प्रक्रिया समय और मेहनत की बचत, तकनीकी जानकारी न होने पर दिक्कत।
EPFO के ये नए नियम रोजगार की अनिश्चितता के बीच कर्मचारियों के लिए बड़ी राहत हैं। अब नौकरी बदलने या बीच में ब्रेक लेने पर भी पेंशन अधिकार खत्म नहीं होंगे। वहीं, ऑनलाइन व्यवस्था और बढ़ी हुई पेंशन लिमिट से सेवानिवृत्त कर्मचारियों को बेहतर आर्थिक सुरक्षा मिलेगी।






