सीएम पुष्कर सिंह धामी ने द हंस फाउण्डेशन डायलिसिस केन्द्र का लोकार्पण किया

देहरादून : सीएम पुष्कर सिंह धामी ने द हंस फाउण्डेशन डायलिसिस केन्द्र का लोकार्पण किया। मुख्यमंत्री ने माता मंगला जी को जन्मोत्सव की बधाई दी मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मोहकमपुर देहरादून में द हंस फाउण्डेशन डायलिसिस केन्द्र का लोकार्पण किया। माता मंगला जी के जन्मोत्सव के अवसर पर हंस फाउण्डेशन के संस्थापक भोले जी महाराज और माता मंगला जी ने प्रदेश को 14 डायलिसिस केन्द्रों एवं 13 सचल चिकित्सालयों की सौगात दी। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने माता मंगला जी को जन्मोत्सव की शुभकामनाएं देते हुए उनके स्वस्थ एवं दीर्घायु की कामना की। उन्होंने कहा कि माता मंगला जी और भोले जी महाराज ने अपना पूरा जीवन परमार्थ के लिए लिए समर्पित किया है। उनके लिए नर सेवा ही नारायण सेवा है। उत्तराखण्ड ही नहीं बल्कि सम्पूर्ण देश में उनके द्वारा जन सेवा के लिए अनेक कार्य किये जा रहे हैं। माता मंगला जी के जन्मोत्सव के अवसर पर हंस फाउण्डेशन द्वारा उत्तराखण्ड को स्वास्थ्य के क्षेत्र में बड़ी सौगात दी गई है। इसके लिए उन्होंने भोले जी महाराज एवं माता मंगला का आभार व्यक्त किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि कोरोना काल के दौरान माता मंगला जी एवं भोले जी महाराज जी ने हंस फाउण्डेशन के माध्यम से अनेक सेवा के कार्य किये। स्वास्थ्य सुविधाओं एवं खाद्यान्न वितरण कर जन सेवा की गई। स्वास्थ्य मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने माता मंगला जी को जन्मोत्सव की शुभकामनाएं देते हुए कहा कि हंस फाउण्डेशन के संस्थापक भोले जी महाराज एवं माता मंगला ने उत्तराखण्ड के लिए समयसमय पर अनेक सौगात दी हैं। आज स्वास्थ्य के क्षेत्र में उन्होंने डायलिसिस केन्द्रों एवं सचल चिकित्सालयों की बड़ी सौगात दी है। 12 दूरस्थ डिग्री कॉलेजों के लिए भी उन्होंने एक लाख किताबें दी हैं। माता मंगला जी ने कहा, मेरी भगवान से प्रार्थना है कि मुझे जितना भी समय मिले, मैं जन सेवा कर सकूं। जन समस्याओं के समाधान के लिए हम सभी को प्रयास करने होंगे। यदि प्रत्येक व्यक्ति एकएक आदमी की मदद भी करता है तो यह अपने आप में बड़ी उपलब्धि होगी। जिन बच्चों की आज हम सेवा कर रहे हैं, कल वे अपने पैरो पर खड़े होंगे। यह आत्म सन्तुष्टि का भाव है। इस अवसर पर हंस फाउण्डेशन के संस्थापक भोले जी महाराज, सचिव स्वास्थ्य अमित नेगी, हंस फाउण्डेशन के पदाधिकारी एवं गणमान्य उपस्थित थे।

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