मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कोरोना योद्धाओं को प्रशस्ति पत्र एवं स्मृति चिन्ह भेंट कर सम्मानित किया।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने रविवार को राजपुर रोड स्थित होटल में आयोजित सम्मान समारोह में कोरोना योद्धाओं को प्रशस्ति पत्र एवं स्मृति चिन्ह भेंट कर सम्मानित किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि कोरोना महामारी के इस असाधारण समय में, सेवा परमो धर्मः की भावना के साथ, अपने जीवन की परवाह किए बिना हमारे डॉक्टर्स, नर्सेज, पैरामेडिकल स्टाफ, एंबुलेंस कर्मी, सफाई कर्मचारी, पुलिसकर्मी, सेवाकर्मी, स्वयं सेवी संस्थाओं ने चौबीसों घंटे लगातार काम करने से पीछे नहीं हटे। कोरोना योद्धाओं ने एक योद्धा की तरह साहस, आत्मविश्वास एवं धैर्य के साथ जन सेवा को अपना ध्येय बनाया। मुख्यमंत्री ने कहा कि पिछले साल कोविड महामारी ने हमें सचेत अवश्य कर दिया था, लेकिन तब किसी को भी यह एहसास नहीं था कि महामारी की दूसरी लहर कितनी घातक हो सकती है। हमारे पास उस समय इस महामारी पर नियंत्रण के लिए कोई रास्ता नही था, न कोई वैक्सीन उपलब्ध थी, न कोई दवा, लेकिन प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी की दूरदर्शिता और अभूतपूर्व प्रयासों के कारण आवश्यक दवा एवं उपकरण तथा वैक्सीन की आपूर्ति उपलब्धता बहुत कम समय के अन्तराल में हो पायी है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि कोविड महामारी के दौर में हमारे स्वास्थ्य कर्मियों, पुलिस कर्मियों समाज सेवा से जुड़े लोगों ने एकजुटता का परिचय देते हुए इस पर बखूबी नियंत्रण किया। कोविड महामारी के दौरान सूचनाओं को मीडिया, जन प्रतिनिधियों एवं राष्ट्रीय स्तर पर प्रसारित करने के लिए राज्य कोविड कंट्रोल रूम की भूमिका अत्यंत सराहनीय रही। कोरोना काल में सरकार को सभी का भरपूर जन सहयोग मिला। कोरोना योद्धाओं का योगदान वास्तव में अविस्मरणीय है, जो हमेशा याद किया जाएगा।

मुख्यमंत्री ने कहा कि कोरोना की रफ्तार मंद पड़ी है, लेकिन ये महामारी अभी खत्म नहीं हुई है। इसलिए हमें कोविड गाइड लाइन का पालन करते हुए इस चुनौती का सामना करना है। राज्य सरकार ने कोरोना काल में स्वास्थ्य के क्षेत्र में सराहनीय कार्य करने वालों के लिये सीमित संसाधनों के बावजूद प्रदेश में कोविड-19 से प्रभावित पर्यटन, परिवहन, संस्कृति क्षेत्र से जुड़े लोगों के लिए लगभग 200 करोड़ का तथा चिकित्सा क्षेत्र के लिए 205 करोड़ का पैकेज स्वीकृत किया है। पिथौरागढ़ व रूद्रपुर मेडिकल कॉलेज के लिये 70-70 करोड़ की धनराशि प्रदान की गई है।

उन्होंने कहा कि 31 दिसम्बर 2021 तक प्रदेश में सौ प्रतिशत वैक्सीनेशन कर दिया जाएगा। कोरोना की संभावित तीसरी लहर का सामना करने की पूरी तैयारी की गई है। बच्चों के लिए माइक्रो न्यूट्रिएंट की व्यवस्था की गई है। सभी सीएचसी, पीएचसी, सब सेंटर में जरूरी दवाईया एवं उपकरण आदि उपलब्ध कराये गये हैं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि कोरोना के संक्रमण से जान माल का कम से कम नुकसान हो इसके लिये इस वर्ष कांवड़ यात्रा प्रतिबंधित की गई। मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारे अच्छे कार्यों को भगवान भी देखते हैं। कोरोना के दौर में मन व प्राण प्रण से जन सेवा करने वालों के परोपकार के कार्यों से वे निश्चित रूप से पुण्य के भागी बने हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि अपने लिये तो हर कोई करता है किन्तु दूसरों के लिये निस्वार्थ भाव से किया जाने वाला कार्य निश्चित रूप से परमार्थ का कार्य है।

कार्यक्रम में मुख्यमंत्री द्वारा जिन चिकित्सकों, स्वास्थ्य व पुलिस कर्मियों, समाज सेवियों को सम्मानित किया उनमें डॉ. हेम चन्द्र पाण्डे, कुलपति एच.एन.बी. चिकित्सा शिक्षा विश्वविद्यालय, डॉ. आशुतोष सयाना, प्रधानाचार्य दून मेडिकल कॉलेज, डॉ. के.सी.पंत, चिकित्सा अधीक्षक दून मेडिकल कॉलेज डॉ. एन.एस बिष्ट, डॉ. दिनेश चौहान, डॉ. अनुराग अग्रवाल, डॉ. कैलाश जोशी, डॉ. आर.के.सिंह, अशोक विंडलास आनंद शुक्ला, हरीश सूरी, डॉ. अब्दुल रहीम, थानाध्यक्ष दिगंबर सिंह नेगी, धर्मेन्द्र रौतेला, राकेश शाह के साथ ही रेडियोलॉजिस्ट मनीष पंत, महेन्द्र भंडारी, स्टाफ नर्स अनुराधा, प्रियंका, एडवोकेट शिवानी सिंह, हरभजन सिंह, हरीश कटारिया, अजय सीकरी, रमा गोयल, लोक पंचायत जौनसार के प्रतिनिधि आदि प्रमुख थे।

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