मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने आयोजित बोधिसत्व विचार श्रृंखला उत्तराखण्ड की डिजिटल उड़ान कार्यक्रम को सम्बोधित किया

देहरादून – मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मुख्यमंत्री आवास कार्यालय स्थित मुख्य सेवक सदन में आयोजित बोधिसत्व विचार श्रृंखला उत्तराखण्ड की डिजिटल उड़ान कार्यक्रम को सम्बोधित किया। उन्होंने कामन सर्विस सेंटरों से जुड़े उद्यमियों से संवाद कर उनके विचार भी सुने और ग्रामीण क्षेत्रों में उनके स्तर पर दी जा रही सेवाओं की जानकारी प्राप्त कर क्षेत्र की समस्याओं का भी जायजा लिया।उन्होंने प्रधानमंत्री  नरेंद्र मोदी का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि प्रदेश में 4G एवं 5G के 1200 से अधिक टॉवर स्थापित किए जा रहे हैं। भारत नेट फेज 2 में प्रदेश के हजारों गांवों को जोड़ा जाएगा। मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि वर्तमान युग टेक्नोलॉजी का युग है और देश व दुनिया में इस नई टेक्नोलॉजी से बदलाव आया है। शिक्षा, स्वास्थ्य, रोजगार, उद्यमिता, मनोरंजन और गवर्नेंस सभी क्षेत्र में टेक्नोलॉजी का प्रभाव है। आज वर्चुअल- डिजिटल माध्यम दुनिया में एक सशक्त माध्यम के रूप में उभरा है, जिसने गांव-देहात को इंटरनेट की दुनिया में विकास के नए मानक और ऊंचे पायदानों पर स्थापित करने का कार्य किया है।उन्होंने कहा कि देश को बदलने की रीति और नीति इसी डिजिटल क्रांति से जुड़ी है।

उत्तराखण्ड डिजिटल राज्य के रूप में अपनी पहचान बना रहा है, इसको विकास के ऊंचे पायदानों पर चढ़ने के लिए जिस डिजिटल इंजन की आवश्यकता है, वह राज्य के कोने-कोने से जुड़े हुए यही कामन सर्विस सेन्टर है। उन्होंने कहा कि वर्तमान समय मोबाइल और इन्टरनेट के अदभुत मिश्रण से पैदा हुयी क्रांति का है इस तकनीकि के द्वारा हम तमाम विकास योजनाओं को समाज के अंतिम पंक्ति में खड़े व्यक्ति तक पहुचाने तथा आदर्श उत्तराखण्ड के लक्ष्य को प्राप्त करने में सफल होगें। प्रधानमंत्री  ने 1 जुलाई 2014 को डिजिटल इंडिया कार्यक्रम की शुरुआत की थी। हमारे लिए डिजिटल इंडिया का मतलब है कि देश के हर व्यक्ति को सभी सरकारी सेवाएं आसानी से उपलब्ध कराई जा सके। दुनिया का 40 प्रतिशत डिजिटल ट्रांजेक्शन भारत में हुआ है।मुख्यमंत्री ने कहा कि अनुकूल औद्योगिक नीति और उदार कर लाभों से उत्पन्न पूंजी निवेश में भारी वृद्धि के कारण उत्तराखण्ड अब भारत में सबसे तेजी से बढ़ते राज्यों के रूप में उभर रहा है। डिजिटल उत्तराखण्ड का उद्देश्य राज्य में रोजगार सृजन, स्वास्थ्य, शिक्षा और औद्योगिक विकास में नए आयाम हासिल करना है। आज प्रदेश में करीब 11474 CSC हैं। इन केंद्रों को ग्रामीण इलाके में उद्यमी चलाते हैं जिसमें बड़ी संख्या में महिला उद्यमी भी शामिल हैं। उन्होंने कहा कि हमारी सरकार का प्रयास ये है कि हम हर व्यक्ति को सक्षम बनाएं, ताकि वो नई डिजिटल टेक्नोलॉजी का उपयोग अपने जीवन को सरल और जीविका को सुधारने में कर सके। इसी संदर्भ में हमने पीएमजी दिशा प्रोग्राम की शुरुआत की है। कार्यक्रम का संचालन महानिदेशक यूकॉस्ट प्रो. दुर्गेश पंत ने किया। इस अवसर पर विधायक  प्रदीप बत्रा एवं निदेशक आईटीडीए अमित सिन्हा सहित बड़ी संख्या में लोग उपस्थित रहे

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