सीएम धामी ने किया मुख्यमंत्री महालक्ष्मी योजना का शुभारंभ, लाभार्थियों को मिलेंगे ये लाभ

देहरादून : मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने लाभार्थी माताओं और नवजात शिशुओं को महालक्ष्मी किट वितरित किये। मुख्यमंत्री महालक्ष्मी योजना के तहत प्रथम दो बालिकाओं, जुड़वा बालिकाओं के जन्म पर माता और नवजात कन्या शिशु को मुख्यमंत्री महालक्ष्मी किट उपलब्ध कराई जा रही है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सीएम कैम्प कार्यालय में आयोजित कार्यक्रम में मुख्यमंत्री महालक्ष्मी योजना का शुभारंभ किया। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी और महिला सशक्तिकरण एवं बाल विकास मंत्री रेखा आर्या ने लाभार्थी महिलाओं को महालक्ष्मी किट का वितरण किया। मुख्यमंत्री ने चयनित लाभार्थी माताओं और नवजात शिशुओं को महालक्ष्मी किट वितरित किये। पूरे राज्य में समस्त जनपदों के कुल 16929 लाभार्थियों को लाभान्वित किया गया है।


मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने बेटी बचाओ, बेटी पढाओ का अभियान शुरू किया। प्रधानमंत्री की दूरदर्शिता का परिणाम है कि इस अभियान से व्यापक जनजागरूकता आई है। इससे लिंगानुपात मे सुधार भी देखने को मिला है। मुख्यमंत्री ने कहा कि हम अपने आस पास देखें तो पाएंगे कि बेटों की बजाय बेटियां माता पिता का अधिक ख्याल रखती हैं। आज जीवन का कोई क्षेत्र ऐसा नहीं है जहाँ बेटियों ने सफलता न पाई हो। मुख्यमंत्री ने कहा कि नंदा गौरा देवी कन्याधन योजना बेटियों को प्रोत्साहित करने की महत्वपूर्ण योजना है। मुख्यमंत्री वात्सल्य योजना भी शुरू की गयी है।
कैबिनेट मंत्री रेखा आर्या ने कहा कि हमें बेटियों को आगे बढाने के लिए दोहरी मानसिकता को खत्म करना है। प्रकृति और संविधान ने समानता का संदेश दिया है। इसलिए बेटियों को प्रोत्साहित करना जरूरी है। महिला-पुरूष का समाज में समान महत्व है। भेदभाव की सोच को समाप्त करना है। प्रसवोपरांत मातृ व कन्या शिशु के पोषण और अतिरिक्त देखभाल सुनिश्चित करने के उद्देश्य से संचालित मुख्यमंत्री महालक्ष्मी योजना के तहत प्रथम दो बालिकाओं जुड़वा बालिकाओं के जन्म पर माता और नवजात कन्या शिशु को मुख्यमंत्री महालक्ष्मी किट उपलब्ध कराई जा रही है।
रेखा आर्या द्वारा बताया गया कि इस अवसर पर प्रदेश भर के 16929 प्रसूताएं जिन्होंने पहली, दूसरी या जुड़वां कन्याओं को जन्म दिया है,उनको किट प्रदान की जाएगी तथा वर्ष में 60 हज़ार महिलाओं को इस योजना द्वारा लाभान्वित किये जाने का लक्ष्य है। रेखा आर्या जी ने कहा कि प्रायः देखा जाता है कि समाज में व्याप्त लैंगिक असमानता के कारण कन्या शिशु के जन्म पर जच्चा-बच्चा की प्रसव पश्चात देखभाल की उपेक्षा की जाती है | अतः प्रसवोपरांत माँ और कन्या शिशु की देखभाल को प्रोत्साहित करने के लिए योजना संचालित की जा रही है | सभी अभिभावकों को अपनी बालिकाओं को अच्छी शिक्षा और पोषण प्रदान करना चाहिए यही उनके उज्ज्वल भविष्य के लिए सबसे अच्छा निवेश है। उन्होंने स्वयं का उदाहरण देते हुए बताया कि उनके माता पिता द्वारा शिक्षा की ताकत उन्हें दी गयी जिसने उन्हें सभी कठिनाइयों का सामना करने का साहस और आत्मविश्वास दिया। इस प्रकार मुख्यमंत्री महालक्ष्मी योजना प्रधानमंत्री द्वारा चलाये जा रहे बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ अभियान का ही विस्तार है।


सचिव हरि चंद्र सेमवाल ने बताया कि योजनान्तार्गत राज्य में प्रसवोपरांत महिला को प्रथम दो बालिकाओं के जन्म पर एक-एक किट एवं जुड़वाँ बच्चियों के जन्म पर महिला को एक एवं बच्चों को पृथक पृथक दो किटों से लाभान्वित किया जायेगा | अल्मोड़ा में 1002, बागेश्वर में 411, चमोली में 564, चंपावत में 537, देहरादून में 3030, हरिद्वार में 3537, नैनीताल में 1230, पौड़ी गढ़वाल में 684, पिथौरागढ़ में 672, रुद्रप्रयाग में 324, टिहरी गढ़वाल में 741, उधमसिंह नगर में 3105 तथा उत्तरकाशी में 1092 इस प्रकार कुल 16929 लाभार्थियों को लाभान्वित किया जाएगा। योजना के अंतर्गत लाभ प्राप्त करने हेतु उत्तराखण्ड राज्य का निवासी होना आवश्यक है। नियमित सरकारी कर्मचारी एवं आयकरदाता योजना से आच्छादित नहीं होंगे। इसके अतिरिक्त संस्थागत प्रसव प्रमाण पत्र एवं मातृ शिशु रक्षा कार्ड की प्रति भी आवश्यक होगा।
इस अवसर पर सचिव हरि चंद्र सेमवाल, अपर सचिव प्रशांत आर्या, उपनिदेशक डॉ0 एस0 के0 सिंह, कार्यक्रम अधिकारी भारती तिवारी, सरोज कुमार त्रिपाठी, विक्रम सिंह, मोहित चौधरी तथा जिला कार्यक्रम अधिकारी अखिलेश मिश्र आदि उपस्थित रहे।

मुख्यमंत्री महालक्ष्मी योजना मे आवेदन हेतु आवश्यक अभिलेख व शर्ते :
1. आंगनवाड़ी केंद्र पर पंजीकरण
2. सरकारी अथवा प्राइवेट माता-शिशु रक्षा कार्ड की प्रति ( डब्च् कार्ड)
3. संस्थागत प्रसव प्रमाण पत्र (यदि किसी आकस्मिक कारणवश रास्ते में या घर में प्रसव है हुआ है तो तद्विषयक आंगनवाड़ी कार्यकर्त्री, मिनी कार्यकर्त्री, आशा वर्कर चिकित्सक द्वारा जारी प्रमाण पत्र)
4. परिवार रजिस्टर की प्रति
5. प्रथम द्वितीय जुड़वाँ कन्या के जन्म हेतु स्वप्रमाणित घोषणा
6. नियमित सरकारी अर्धसरकारी सेवक तथा आयकरदाता न होने विषयक प्रमाण पत्र।

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