तेलंगाना हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश बने उत्तराखंड हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश

हल्द्वानी : तेलंगाना हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश राघवेंद्र सिंह चौहान का स्थानांतरण उत्तराखंड हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश के पद कर दिया गया है। उनका स्थानांतरण आदेश यहां पहुंच गया है। न्यायमूर्ति रमेश रंगनाथन की सेवानिवृत्ति के बाद हाईकोर्ट के वरिष्ठ न्यायमूर्ति रवि मलिमठ कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश का दायित्व संभाले हुए थे। उनका स्थानांतरण अब हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट कर दिया गया है।
उत्तराखंड हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश पद पर आ रहे राघवेंद्र चैहान का जन्म दिसंबर 1959 को राजस्थान में हुआ था। उन्होंने स्नातक की डिग्री 1980 में अमेरिका के आर्काडिया विश्वविद्यालय से और लॉ की डिग्री दिल्ली विश्वविद्यालय से 1983 में हासिल की। 2005 में वे राजस्थान हाईकोर्ट में न्यायाधीश नियुक्त हुए। 2015 में कर्नाटक हाईकोर्ट स्थानांतरण के बाद वे 2018 में हैदराबाद हाईकोर्ट में जज बने और तेलंगाना अलग राज्य बनने के बाद वहां कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश नियुक्त हुए। जून 2019 में तेलंगाना हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश बनने के बाद उन्होंने न्याय प्रणाली में सुधारों की शुरुआत की। इस दौरान उन्होंने कोविड-19 प्रबंधन, स्वास्थ्य के मामलों और झीलों प्रबंधन जैसे प्रमुख मुद्दों को सुव्यवस्थित करने को लेकर महत्वपूर्ण दिशा निर्देश भी जारी किए। लॉकडाउन के दौरान बड़ी संख्या में प्रवासी श्रमिकों के लिए एक सुरक्षित मार्ग सुनिश्चित कराने पर उनके प्रयास की सराहना की गई। इधर, हाईकोर्ट के कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश रवि मलिमठ का स्थानांतरण हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट कर दिया गया है। राष्ट्रपति की मंजूरी के बाद केंद्रीय विधि एवं न्याय मंत्रालय के संयुक्त सचिव राजेंद्र कश्यप के हस्ताक्षरों से जारी स्थानांतरण आदेश उत्तराखंड हाईकोर्ट पहुंच गया है। न्यायमूर्ति रवि मलिमठ के हिमाचल प्रदेश स्थानांतरण की संस्तुति सुप्रीम कोर्ट की कोलेजियम ने 16 दिसंबर को की थी। पांच मार्च 2020 को उन्होंने उत्तराखंड हाईकोर्ट के जज के रूप में शपथ ली थी और हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश रमेश रंगनाथन की सेवानिवृत्ति के बाद वे उत्तराखंड हाईकोर्ट के कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश बने।

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