भारतीय हॉकी टीम के पूर्व कप्तान चरणजीत सिंह के नेतृत्व में ही भारतीय टीम ने 1964 में टोक्यो ओलंपिक में स्वर्ण पदक जीता था। चरणजीत अर्जुन अवार्ड और पद्मश्री से भी सम्मानित किए जा चुके हैं। आज शाम चार बजे ऊना के स्वर्गधाम में उनका अंतिम संस्कार होगा।साल 1949 में चरणजीत पंजाब यूनिवर्सिटी की हॉकी टीम में शामिल हुए। उनके प्रदर्शन को देखते हुए उन्हें यूनिवर्सिटी टीम का कप्तान बनाया गया। धीरे-धीरे राष्ट्रीय स्तर पर चरणजीत का नाम उभर कर आया। 1950 में उन्हें भारतीय हॉकी टीम में चुना गया। 1951 में चरणजीत भारतीय टीम के साथ पाकिस्तान दौरे पर भी गए थे।चरणजीत सिंह का गुरुवार सुबह पांच बजे निधन हो गया ऊना में उन्होंने अपने घर पर अंतिम सांस ली। चरणजीत पिछले कुछ समय से अस्वस्थ चल रहे थे। चरणजीत को रोम ओलंपिक के लिए भारतीय टीम में शामिल किया गया था। हालांकि, फाइनल से पहले वह चोटिल हो गए थे और खिताबी मुकाबला नहीं खेल पाए थे। फाइनल में पाकिस्तान ने भारत को हराकर गोल्ड मेडल जीता था। साल 1961 में चरणजीत भारतीय हॉकी टीम के उपकप्तान बने। 1962 में वह एशियन गेम्स में सिल्वर मेडल जीतने वाली टीम इंडिया का भी हिस्सा रहे। इसके लिए 1963 में उन्हें अर्जुन अवॉर्ड से नवाजा गया।