विटामिन्स डी की कमी बेहद चिंताजनक हो सकती है व्यक्ति के लिए विटामिन डी मिलना बेहद जरूरी है विटामिन डी रोगों से लड़ने की क्षमता बढ़ाता है, हड्डियों को मजबूत बनाता है और मांसपेशियां, नसों के लिए भी बहुत जरूरी है। शरीर में विटामिन डी भरपूर होने से हृदय रोग और हाई बीपी से छुटकारा दिलाने में मदद करता है।
इससे ऊर्जा मिलती है, जिससे शरीर सुचारू ढंग से काम करता है। इसलिए स्वस्थ रहने और संक्रमण से लड़ने के लिए व्यक्ति को विटामिन डी की आवश्यकता पड़ती है। वहीं विटामिन डी की कमी से हड्डियों का कमजोर होना, किडनी खराब होने की आशंका, पेट दर्द, कब्ज और दस्त की समस्या, मितली, उल्टी और खराब पाचन शक्ति, त्वचा में कालापन हो सकती है।
विटामिन डी की कमी के कुछ प्रभावों में थकावट, हड्डियों, जोड़ों और मांसपेशियों में दर्द, बालों का झड़ना, चिड़चिड़ाहट, ऊर्जा में कमी, पैरों में सूजन, डिप्रेशन आदि शामिल हैं। लेकिन सर्दी के मौसम में अक्सर शरीर में विटामिन डी की सबसे ज्यादा कमी हो जाती है। यह इसलिए होता है, क्योंकि सबसे ज्यादा विटामिन डी सूरज से मिलता है और सर्दियों में सूरज कम ही निकलता है, साथ ही लोग ठंड की वजह से घर में दुबके रहते हैं।
हर व्यक्ति के लिए विटामिन डी की आवश्यकता अलग होती है। उम्र, लिंग और स्वास्थ्य स्थिति के अनुसान विटामिन डी की आवश्यकता होती है। वयस्कों को विटामिन डी के प्रति दिन कम से कम 600 आईयू लेने चाहिए जो कि सर्दियों में विटामिन डी से भरपूर खाद्य पदार्थों या पूरक आहार से मिल सकते हैं।