देहरादून : – ज्ञात रहे कि ऑल इंडिया स्मॉल न्यूज पेपर्स एसोसिएशन (आ इ स ना) ने समय समय पर लघु एवं मझौले समाचार पत्रों की मांग समय पर उठाती रही है किंतु उत्तराखंड सरकार एवं इनके अधिकारियों को अभी तक इस श्रेणी के पत्रकार वर्ग का कोई ख्याल नहीं हुआ है यह अत्यंत विडंबना का विषय है। विश्व में इस समय कोविड-19 अपनी चरम सीमा पर है और पत्रकार वर्ग अपनी जान हथेली पर रखकर देश के दूरगामी स्थलों पर पहुंचकर लोगों की सेवा कर रहे है। सरकार से आइसना के साथ-साथ अन्य समाचार पत्रों के संघ ने भी सरकार से पत्रकारों को आर्थिक पैकेज के साथ कम से कम 10 लाख का जीवन बीमा कवरेज जोकि कई अन्य राज्य सरकारों ने दिया है को दृष्टिगत रखते हुए, पत्रकारों को सुविधा अनुमन्य की जाए। अफसोस का विषय है कि विज्ञापन मान्यता नियमावली 2015 में वर्णित विज्ञापन भी लघु एवं मझोले समाचार पत्रों को नहीं दिए जा रहे। यह सीधा सीधा अभिव्यक्ति की आजादी पर कुठाराघात है। अतः आइसना ने एक बार फिर से मुख्यमंत्री श्री त्रिवेंद्र सिंह रावत जी से अनुरोध किया है। आशा है वे अनुरोध को ध्यान में रखते हुए पत्रकारों की मांग पर विचार करते हुए आर्थिक पैकेज अनुमन्य कराएंगे।