मातृ शक्ति और कर्तव्यनिष्ठा का अद्भुत संगम

चमोली। पवित्र बद्रीनाथ धाम की यात्रा आस्था और भक्ति का प्रतीक है। हर साल लाखों श्रद्धालु भगवान बद्री विशाल के दर्शन के लिए हिमालय की कठिन डगर नापते हैं। यह यात्रा जहाँ एक ओर आध्यात्मिक सुकून देती है, वहीं शारीरिक रूप से कमजोर या बुजुर्ग श्रद्धालुओं के लिए कई बार चुनौतीपूर्ण भी बन जाती है। ऐसे में, जब ‘खाकी’ वर्दी में मानवीयता और ममता का ऐसा दुर्लभ संगम देखने को मिले, तो मन श्रद्धा और सम्मान से भर जाता है। दरअसल, बद्रीनाथ धाम में दर्शन के लिए आई एक बेहद बुजुर्ग महिला श्रद्धालु चलने में असमर्थ थीं। आस्था उन्हें बद्री विशाल के दरबार तक खींच लाई थी, लेकिन शारीरिक कमजोरी उन्हें मंदिर तक पहुँचने में बाधा बन रही थीं। भीड़ और रास्ते की कठिनाई को देखकर उनके चेहरे पर निराशा झलक रही थी। वे शायद इस बात से दुखी थीं कि इतनी दूर आने के बाद भी वे भगवान के दर्शन नहीं कर पाएंगी। यह दृश्य ड्यूटी पर तैनात उपनिरीक्षक विनिता नेगी ने देखा। वर्दी में होने के बावजूद, उनका दिल उस बुजुर्ग माँ की तकलीफ देखकर पसीज गया। उन्होंने एक पल भी नहीं सोचा और तुरंत उस बुजुर्ग श्रद्धालु के पास पहुंचीं। उनकी असमर्थता देखकर, विनिता नेगी ने वो किया जिसकी किसी ने शायद कल्पना भी नहीं की थी। उन्होंने उस बुजुर्ग माँ को गोदी में उठाकर मंदिर के मुख्य द्वार तक ले गईं और उन्हें सुगमता से दर्शन करवाए।

About The lifeline Today

View all posts by The lifeline Today →

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *