देहरादून: विजयादशमी के पावन अवसर पर सुबह मां दुर्गा की विशेष पूजा-अर्चना एवं हवन सम्पन्न हुआ। इसके उपरांत श्रद्धालुओं को प्रसाद वितरित किया गया। पूरा वातावरण ढाक की गूंज, शंखध्वनि और मंत्रोच्चारण से गुंजायमान रहा।
महिलाओं ने निभाई परंपरा, सिंदूर खेला से गूंजी आस्था
विसर्जन से पूर्व महिलाओं ने मां दुर्गा को सिंदूर अर्पित किया और एक-दूसरे को सिंदूर लगाकर मंगलकामनाएं दीं। इस पारंपरिक दृश्य ने पूरे पंडाल को उल्लास और अपनत्व की भावना से भर दिया।
भक्ति और उल्लास से भरी विसर्जन शोभायात्रा
मां दुर्गा की प्रतिमा के साथ विसर्जन शोभायात्रा आरम्भ हुई। भक्तगण ढाक, शंख ढोल-नगाड़ों की ताल पर उत्साहपूर्वक शामिल हुए। शोभायात्रा शांतिपूर्ण और अनुशासित ढंग से सम्पन्न हुई और मां दुर्गा की प्रतिमा का विधिवत विसर्जन किया गया।
विजयादशमी: सकारात्मक ऊर्जा और नए सृजन का प्रतीक
समिति के पदाधिकारियों ने कहा कि विजयादशमी केवल उत्सव का समापन नहीं है, बल्कि यह नई शुरुआत और सकारात्मक ऊर्जा का संदेश है। उन्होंने सभी भक्तों, निवासियों और स्वयंसेवकों का धन्यवाद ज्ञापित किया।
समारोह में मृगेन्द्र चौधरी, चंदना मित्रा, अरुप चक्रवर्ती, सुधीर जैन, तनुप्रिया चौधरी, देबज्योति, विनय काण्डपाल, सौमित्रा जाना, अमित दास, संदीप नंदी, राजकुमार, जॉली, रीमा चक्रवर्ती सहित अनेक गणमान्य अतिथि उपस्थित रहे। उनकी मौजूदगी ने अवसर को और भी गरिमामय बना दिया।
दुर्गा पूजा समिति ने स्टेट बैंक ऑफ़ इंडिया, मिस्टर बेक़र सुद्धोवाला और अन्य सहयोगियों का विशेष आभार व्यक्त किया। समिति ने अगले वर्ष और भी भव्य तथा सांस्कृतिक विविधता से परिपूर्ण आयोजन करने का संकल्प लिया।