थराली आपदा में जिन परिवारों के भवन पूर्णत: क्षतिग्रस्त हो चुके हैं, उन्हें5-5 लाख रुपये की आर्थिक सहायता सरकार

थराली आपदा: मुख्यमंत्री धामी ने किया बड़ा ऐलान, प्रभावित परिवारों को मिलेगी 5-5 लाख की सहायता

देहरादून। थराली में आई भीषण आपदा के बाद राज्य सरकार ने त्वरित कार्रवाई करते हुए राहत एवं बचाव कार्यों को युद्धस्तर पर संचालित करने के निर्देश दिए हैं। मुख्यमंत्री  पुष्कर सिंह धामी ने शनिवार देर शाम राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र पहुँचकर राहत एवं बचाव कार्यों की समीक्षा की और प्रभावितों के लिए कई महत्वपूर्ण घोषणाएँ कीं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि इस आपदा की घड़ी में सरकार थराली के लोगों के साथ मजबूती से खड़ी है। उन्होंने जिले के अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि सभी राहत दल घटना स्थल पर तेजी से कार्य करें और किसी भी प्रकार की देरी न हो।

पूर्णतः क्षतिग्रस्त मकानों और मृतकों के परिजनों को 5-5 लाख की सहायता

सीएम धामी ने घोषणा की कि जिन परिवारों के भवन पूर्णतः क्षतिग्रस्त हो चुके हैं, उन्हें5-5 लाख रुपये की आर्थिक सहायता सरकार द्वारा प्रदान की जाएगी।
इसी के साथ इस त्रासदी में अपनों को खोने वाले परिवारों को भी तत्काल 5 लाख रुपये की सहायता राशि दी जाएगी।

उन्होंने आश्वस्त किया कि घायलों के उपचार की पूरी व्यवस्था राज्य सरकार करेगी और उन्हें आपदा मानकों के अनुसार सहायता उपलब्ध कराई जाएगी।

रेस्क्यू ऑपरेशन: हेलीपैड तैयार, सेना-एसडीआरएफ मुस्तैद

सचिव आपदा प्रबंधन  विनोद कुमार सुमन ने जानकारी दी कि राहत और बचाव कार्यों के लिए एक एमआई-17 हेलीकॉप्टर को स्टैंडबाय पर रखा गया है।
साथ ही, यूकाडा के हेलीकॉप्टर गौचर में तैनात हैं और कुलसारी का हेलीपैड सक्रिय कर दिया गया है।
एसडीआरएफ ने चेपड़ो में एक नए हेलीपैड का निर्माण भी कर लिया है ताकि रेस्क्यू और राहत वाहनों की आवाजाही में कोई अड़चन न आए।

भविष्य की आपदा रोकथाम: नदियों की ड्रेजिंग और वैज्ञानिक अध्ययन

मुख्यमंत्री ने बैठक में नदियों के किनारों पर बसे कस्बों और नगरों को सुरक्षित बनाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि प्रभावित नदियों में द्रेजिंग व चैनलाइजेशन कार्य किए जाएंगे।
साथ ही, वाडिया, आईआईआरएस, आईआईटी, एनआरएससी जैसे प्रतिष्ठित शोध संस्थानों की एक टीम बनाकर उच्च हिमालयी क्षेत्र का अध्ययन करने का निर्णय लिया गया है।
उन्होंने कहा—“धराली, थराली और स्यानाचट्टी की घटनाओं में एक समानता यह दिखी कि पानी के साथ भारी मात्रा में मलबा और बोल्डर आए। हमें यह समझना होगा कि हिमालयी क्षेत्रों में मोरेन किस तरह जमा हो रहे हैं।”

राहत शिविरों में भोजन से लेकर बच्चों के दूध तक की व्यवस्था

सीएम धामी ने राहत शिविरों में ठहरे लोगों के लिए अच्छे भोजन, दवाइयां, बच्चों के लिए दूध, पर्याप्त बिस्तर और शौचालयों की समुचित व्यवस्था करने के निर्देश दिए।
उन्होंने कहा कि प्रभावित परिवार किसी भी तरह की दिक्कत में न रहें, इसकी जिम्मेदारी प्रशासन की है।

त्वरित रिस्पांस: जिलाधिकारी व रेस्क्यू टीमों की सराहना

आपदा की जानकारी मिलते ही डीएम संदीप तिवारी व बचाव दलों ने तत्काल राहत कार्य शुरू कर दिया था।
सिर्फ कुछ घंटों में ही विद्युत और संचार आपूर्ति बहाल कर दी गई, जिसके लिए मुख्यमंत्री ने जिलाधिकारी और एसडीआरएफ, एनडीआरएफ, आईटीबीपी, एसएसबी, पुलिस, सेना व बिजली विभाग सहित सभी टीमों की सराहना की।

सड़कों को खोलने पर जोर

सीएम धामी ने कहा कि थराली और आसपास की बंद सड़कों को जल्द बहाल करना जरूरी है क्योंकि यह मार्ग सामरिक दृष्टि से भी अत्यंत महत्वपूर्ण हैं।
उन्होंने बॉर्डर रोड ऑर्गेनाइजेशन (BRO) और लोक निर्माण विभाग को पूरी मदद देने और सभी संसाधन तुरंत उपलब्ध कराने के निर्देश दिए।

नुकसान का आकलन और रिपोर्ट की समयसीमा

मुख्य सचिव  आनंद बर्द्धन ने सभी जिलाधिकारियों को निर्देश दिए कि 25 अगस्त तक आपदा से हुए नुकसान की पूरी रिपोर्ट शासन को भेजना अनिवार्य है। इसके बाद भेजे गए प्रस्तावों पर विचार संभव नहीं होगा।

नुकसान का प्रारंभिक आंकलन

  • अब तक डेढ़ सौ लोग प्रभावित
  • एक 20 वर्षीय किशोरी की मृत्यु
  • एक व्यक्ति लापता, जिसकी तलाश युद्धस्तर पर जारी
  • प्रभावित परिवारों को ठहराने की समुचित व्यवस्था

थराली आपदा के बाद सरकार ने जिस त्वरित और सुनियोजित तरीके से फैसले लिए हैं, उससे प्रभावितों को राहत पहुंचाने में तेजी आई है। मुख्यमंत्री धामी और मुख्य सचिव ने साफ कहा है कि किसी भी स्तर पर राहत और बचाव कार्यों में कमी नहीं होनी चाहिए।
सरकार की प्राथमिकता फिलहाल मानव जीवन की सुरक्षा, बेसिक सुविधाओं की उपलब्धता और बंद सड़कों को खोलना है, ताकि जल्द से जल्द सामान्य स्थिति बहाल की जा सके।

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