जनता के आशीर्वाद से ही उत्तराखंड में समान नागरिक संहिता का सपना साकार हो पाया

देहरादून। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मुख्यमंत्री आवास के मुख्य सेवक सदन, में समान नागरिक संहिता लागू करने पर आयोजित सम्मान समारोह में प्रतिभाग किया। समारोह में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि यह सम्मान उत्तराखंड की जनता का सम्मान है। राज्य की जनता के आशीर्वाद से ही उत्तराखंड में समान नागरिक संहिता का सपना साकार हो पाया। उन्होंने कहा समान नागरिक संहिता लागू कर राज्य सरकार ने बाबासाहेब भीमराव अंबेडकर को सच्ची श्रद्धांजलि देने का काम किया है। मुख्यमंत्री ने कहा यू.सी.सी लागू होने के बाद अब राज्य में सभी नागरिकों के अधिकार समान हो गए हैं। यू.सी.सी ने समाज में भेदभाव खत्म करने का काम किया है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि समान नागरिक संहिता में महिलाओं के अधिकारों को सुरक्षित किया गया हैं। लिव इन रिलेशनशिप के लिए पंजीकरण अनिवार्य किए जाने से बहन -बेटियों की सुरक्षा सुनिश्चित हुई है। उन्होंने कहा निश्चित ही समान नागरिक संहिता की ये गंगा उत्तराखंड राज्य से संपूर्ण देश में जाएगी। उन्होंने कहा हमारी विचारधारा सामाजिक समरसता, सांस्कृतिक चेतना और राष्ट्रीय एकता जैसे मूल्यों पर आधारित रही है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी द्वारा 26 नवम्बर को संविधान दिवस के रूप में राष्ट्रीय पर्व के तौर पर मनाने का निर्णय लिया गया है। प्रधानमंत्री के नेतृत्व में बाबा साहेब की स्मृतियों से जुड़े प्रमुख स्थलों को राष्ट्र चेतना के पंच तीर्थ के रूप में भी विकसित किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने सख्त दंगारोधी कानून, धर्मांतरण कानून, और ऑपरेशन कालनेमि जैसे कई कड़े फैसले लिए हैं। उन्होंने कहा राज्य सरकार किसी भी हालत में राज्य की डेमोग्राफी चेंज नहीं होने देगी।
इस अवसर पर पूर्व राज्यपाल एवं पूर्व मुख्यमंत्री श्री भगत सिंह कोश्यारी, साध्वी रेणुका, स्वामी निरंजन चैतन्य महाराज, आपदा प्रबंधन सलाहकार समिति के उपाध्यक्ष श्री विनय रुहेला, विधायक श्री सुरेश गड़िया, सफीपुर (उन्नाव, यू.पी) के विधायक श्री बंबा लाल दिवाकर, एवं अन्य लोग मौजूद रहे।

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