96 टेस्ट मैचों में 292 विकेट, 80 वनडे में 115 विकेट लेने वाले भारतीय तेज गेंदबाज इशांत शर्मा 100 टेस्ट मैच खेलने वाले भारत के दुसरे पेसर बन जायेंगे, अब वो सिर्फ चार मैच दूर हैं। दिल्ली की और रणजी में तूफ़ान मचाने वाले इस गेंदबाज ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय करिअर में कई उतार-चढ़ाव आए जिसने उन्हें बेहतर क्रिकेटर बना दिया है।
मेरे प्रदर्शन में जो निरंतरता चाहिए थी वह नहीं रही। इसलिए मुझ पर दबाव भी रहा। 2010 के बाद से मैंने खुद पर यह दबाव बनाए रखा कि मुझे बढ़िया प्रदर्शन करना है। ऐसे में मैं ठीक से सो भी नहीं पाता था। इससे मुझ पर नकारात्मक सोच हावी होती रही। मैंने इससे सबक लेकर अब बेवजह सोचना छोड़ दिया है। मैंने हर गेंद शिद्दत से फेंकने पर फोकस किया। अब बहुत कुछ बदला है।
उन्होंने कहा, ‘हमारे यहां परेशानी यह है कि हर कोई यह बताता है कि आपके साथ दिक्कत है लेकिन उसका हल नहीं बताता। हर कोई मुझे यह कहता था कि आगे वाली गेंद तेज करनी है लेकिन कोई यह नहीं बताता था कि तेज करनी कैसे है। मुझे अब यह समझ में आ गया है। जहीर खान ने इसमें मेरी मदद की। मैं जब काउंटी खेलने गया तो जेसन गिलेस्पी ने मुझे बताया कि गेंद कैसे तेज करनी है। गेंद सिर्फ हाथ से छोड़नी ही नहीं बल्कि पिच पर हिट भी करनी है। मुझे गेंद पिच करा बल्लेबाज के घुटने के करीब फेंकनी है।’